कावेरी जल विवाद: फैसले के बाद सियासी बयानबाजी एक साथ
कावेरी जल विवाद: फैसले के बाद सियासी बयानबाजी एक साथ
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सुप्रीम कोर्ट ने 137 साल पुराने कावेरी जल विवाद सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि तमिलनाडु को 192 की बजाए 177.25 TMC पानी दिया जाए, जबकि बचा हुआ हिस्सा कर्नाटक के खाते में जाएगा. हिस्‍सेदारी बढ़ने के बाद कर्नाटक को अब 270 TMC के स्थान पर 284.75 TMC पानी मिलने लगेगा. कोर्ट ने तमिलनाडु को मिलने वाले पानी की मात्रा को घटा दिया. इस फैसले के बाद कर्नाटक को फायदा पहुंचा वहीं तमिलनाडु में निराशा छा गई है. फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि नदी पर किसी राज्य का दावा नहीं है. अब इस फैसले को लागू कराना केंद्र सरकार का काम है. पानी राष्ट्रीय संपत्ति है. यह फैसला अगले 15 सालों के लिए प्रभावी रहेगा. इस फैसले पर प्रतिक्रियाएं -
तमिलनाडु में गहरी निराशा है विपक्षी डीएमके पार्टी ने राज्य सरकार से इस्तीफा मांग लिया है, जबकि सत्तारुढ़ एआईएडीएमके ने पानी के लिए लड़ाई जारी रखने की बात कही.


सुपरस्टार रजनीकांत ने ट्वीट के जरिए फैसले पर निराशा जताई और उन्होंने तमिलनाडु सरकार को इसके खिलाफ जनहित याचिका दाखिल करने की मांग की. उन्होंने कहा कि किसानों की जिंदगी पर खासा असर पड़ेगा. 


प्रेस कॉन्फ्रेन्स में हसन ने हैरानी जताते हुए कहा, 'मैं तो जल आपूर्ति कम करने से हैरान हूं. मुझे अभी पूरी जानकारी हासिल करने के लिए असल फैसले की कॉपी का इंतजार है. मैं सोचता हूं कि कोर्ट ने सख्ती से कहा है कि पानी पर किसी भी राज्य का हक नहीं होगा. यही फैसले का अहम पहलू है.'


डीएमक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि फैसले के बाद उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. तमिलनाडु के साथ धोखा हुआ है. 


एआईएडीएमके के नेता एम नवनीतकृष्णा ने कहा कि सरकार तमिल लोगों को पर्याप्त पानी दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखेगी.


कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने फैसले पर खुशी जताई और कहा कि वह वकीलों से परामर्श करने और अंतिम आदेश को पढ़ने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया देंगे. उन्होंने कहा, 'हमें सर्वोच्च न्यायालय से कुछ न्याय मिला, जिससे मैं चिंतामुक्त और खुश हूं.'


वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने इस फैसले पर कहा कि तमिलनाडु के लिए यह सेटबैक नहीं है, लेकिन निराशाजनक जरूर है. 


केंद्रीय मंत्री नीतिन गड़करी ने सभी राज्यों के लोगों से फैसले को स्वीकार करने की सलाह दी. उन्होंने कहा हर किसी को शांति बनाए रखनी चाहिए. केंद्र सरकार कोशिश करेगी कि सभी को पर्याप्त पानी मिले.


हिंसा की संभावना के चलते कर्नाटक किसान संघ के प्रमुख जी मदे गौड़ा ने क्षेत्र के लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने की अपील की है.

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