श्रीनगर : कश्मीर के हालात भले ही बेकाबू बने हुये हो या फिर अलगाववादी नेताओं द्वार कश्मीरी युवाओं को भड़काने का कार्य कर रहे हो, लेकिन लगता है कि अब कश्मीर के युवाओं ने अपनी समझदारी दिखाते हुये स्व विवेक से निर्णय लेना शुरू कर दिया है। इसका उदाहरण उस वक्त दिखाई दिया, जब कश्मीर के हजारों युवाओं ने पुलिस की भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लिया। मालूम हो कि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कश्मीरी युवाओं से यह कहा थे कि वे पुलिस में भर्ती न हो, बावजूद इसके युवाओं ने गिलानी की बात को तव्वजों न देते हुये पुलिस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिये पहुंचे।
जम्मू कश्मीर पुलिस में स्पेशल पुलिस आॅफिसर के पद हेतु भर्ती प्रक्रिया का आयोजन किया गया है। इसमें करीब पांच हजार से अधिक युवाओं ने हिस्सा लेकर यह बताया है कि वे वर्दी वाले बनकर देश और समाज की सेवा करने के इच्छुक है। जानकारी के अनुसार भर्ती प्रक्रिया में अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां जिले से सबसे अधिक युवा पहुंचे है।
मालूम हो कि जिन क्षेत्रों से युवाओं ने पुलिस में भर्ती होने के लिये टेस्ट दिया, वे जिले आतंकवाद से सबसे अधिक प्रभावित है। अभी भी इन सभी क्षेत्रों की स्थिति सामान्य नहीं हो सकी है, लेकिन इसके बाद भी कश्मीरी युवाओं ने फिटनेस व लिखित परीक्षा आदि के लिये पहुंचना उचित समझा।
हालांकि जिस पद पर नौकरी करने के लिये कश्मीरी युवाओं ने रूचि दिखाई है, उसका वेतन भले ही हर माह करीब 6 हजार रूपये ही हो, परंतु कश्मीरी युवाओं का कहना है कि बेकारी से तो अच्छा है पुलिस की नौकरी करना और इसी के चलते युवाओं की भीड़ भर्ती प्रक्रिया के दौरान उमड़ी।
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