बस एक संकल्प न जाने कितने प्रद्युमन की जान बचा सकता है
बस एक संकल्प न जाने कितने प्रद्युमन की जान बचा सकता है
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हर मां-बाप चाहते हैं की उनका बच्चा अच्छा पढ़ लिख कर उनका नाम रोशन करें। परिवार में जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो घर वाले उसके बड़े होने का रास्ता नहीं देखते बल्कि उसके लिए बड़े-बड़े सपने संजोने लगते हैं कि हमारा बेटा या बेटी बड़े होकर ये बनेंगे। जबकि बच्चे को तो यह भी नहीं पता होता की, उसके इस धरती पर आते ही उसके मां बाप उसकी फ्यूचर प्लानिंग करने लगे हैं। हर मां-बाप चाहते हैं की उनके बच्चे को अच्छे संस्कार और अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए वह अपने बच्चों को अच्छे से अच्छे स्कूल में भेजना चाहते हैं। अक्सर लोगों की अब तक की यही धारणा देखी गई है की सरकारी स्कूलों में शिक्षक बच्चों पर ध्यान नहीं देते है। और यह धारणा कभी-कभी तो खुद सरकारी स्कूल के शिक्षकों की ही होती है। इसलिए अक्सर यह लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजने की बजाए किसी मंहगे प्राइवेट स्कूलों में भेजना पसन्द करते हैं।

आजकल के माहौल को देखते हुए लगता है समाज असुरक्षित हो गया है। यहां पर कोई भी सुरक्षित नहीं है। हालही में एक प्राइवेट स्कूल में सात साल के मासूम की हत्या कर देने के बाद इस प्रकार के कई सवाल उठे हैं। इस घटना से हर मां-बाप के अपने बच्चों को लेकर, सपनों पर खतरा सा मंडरा रहा है। इस घटना ने देश के तमाम स्कूलों पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल पैदा कर दिये हैं। न जाने कितने ही मां-बाप अपने बच्चों को एक उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए देश के कई मंहगे और प्राइवेट स्कूल में बच्चों को भेजना पसन्द करते हैं। लेकिन इस घटना ने इन स्कूलों पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल पैदा कर दिये हैं।

देश के हर मां-बाप के मन में अपने बच्चों को लेकर, स्कूल के प्रति यही सवाल पैदा हो रहा है की क्या हमारा बालक इस स्कूल में पूरी तरह से सुरक्षित है? अगर आप भी मां-बाप हों तो, हो सकता है की आपके भी मन में कुछ इस तरह के सवाल पैदा होते होंगे। दरअसल देखा जाए तो यह सवाल सिर्फ मां-बाप का ही नहीं बल्कि पूरे देश का है, सरकार का है, क्या किसी की जिम्मेदारी नहीं बनती इस प्रकार की होने वाली घटना को रोकने के लिए। आपके भी मन में कुछ ऐसा ही आया होगा की सरकार को इस विषय पर ठोस कदम उठाने चाहिए। लेकिन अगर यहां पर आप मेरी राय मानें तो सरकार सिर्फ इन चीजों को लेकर कुछ निर्देश ही पारित कर सकती है या फिर कुछ नियम ही बना सकती है लेकिन इस प्रकार की घटना को अगर रोकना है तो इसके लिए मैं एक ही तरीका बताना चाहूंगा।

जैसा की देश का हर नागरिक चाहता है की उसका बच्चा अगर स्कूल गया है तो वह पूरी तरह से सुरक्षित रहे और अब तक लोगो की यही मानसिकता थी की बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल उत्तम है लेकिन सात साल के मासूम प्रद्युमन की हत्या ने देश के तमाम नागरिकों की मानसिकता को ही बदल दिया। और देश के तमाम स्कूलों पर कई सवाल पैदा कर दिये हैं। आखिर कैसे हमारे बच्चे स्कूल में सुरक्षित रह सकते हैं? तो इस सवाल के विषय में, मैं आपसे यही कहना चाहूंगा की इस असहनीय और दर्द भरी घटना के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है बल्कि इसके लिए तो आप और हम जिम्मेदार हैं। जी हां इस घटना के लिए हम किसी संस्था या फिर सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। इसके लिए देश का हर नागरिक जिम्मेदार है। अगर देश का हर नागरिक अपने आप को इन होने वाली घटना के लिए जिम्मेदार मान ले तो मेरे ख्याल से यह जो घटना होती है वह अब कभी नहीं होगी। बस इसके लिए आप और हमको एक संकल्प लेना होगा और खुद के जमीर को जगाना होगा। इन घटनाओं को रोकने के लिए एक जिम्मेदारी लेनी होगी।

संकल्प ऐसा हो, जिसमें कभी भी कहीं भी किसी भी प्रकार की घटना होते हुए दिखे तो उसे अनदेखा न करें बल्कि अवाज उठायें अगर ऐसा भी नहीं कर सकते तो किसी को भी इस होने वाली घटना की जानकारी दें। अक्सर समाज में यही देखा जाता है की अगर कहीं भी किसी के ऊपर अत्याचार हो रहा है या फिर कहीं घटना घट भी रही है तो आमतौर पर लोग उसे अनदेखा कर देेते है और अनदेखा भी इसलिए की कंही हम पर कोई मूसीबत न पड़ जाये या फिर यह घटना कोई हमारे साथ थोरी न हो रही है,

कुछ इस प्रकार की ही सोंच से समाज में इस प्रकार की असहनीय घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। और फिर इसके लिए किसी को भी जिम्मेदार ठहराया जाता है बल्कि असलियत तो यह होती है की देश मे नागरिकों की न समझदारी ही इन होने वाली घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। तो यहां पर अब मैं बस आपसे इतना ही कहना चाहुंगा कि अगर आप और हमने मिलकर यह संकल्प ले लिये तो निश्चित ही इस प्रकार की घटना को भविष्य में होने से रोका जा सकता है। बस एक संकल्प न जाने कितने प्रद्युमन की जान बचा सकता है।

 

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