30 दिसंबर 2017 को ब्रैम्पटन के जोत प्रकाश गुरूद्वारे में हुई एक मीटिंग में एक फैसला लिया गया. इस मीटिंग के दौरान फैसला लिया गया है कि कनाडा के 14 गुरुद्वारों में भारतीय अधिकारियों के जाने पर रोक लगा दी गयी है. ओंटारियो प्रांत के सिख समुदायों ने और 14 गुरुद्वारों की मैनेजमेंट कमेटी ने मिलकर यह फैसला लिया है. जिन अधिकारीयों को गुरुद्वारों में जाने पर रोक लगाई गयी है उसमे भारतीय राजनयिक भी शामिल हैं. हलाकि कमेटी ने यह भी कहा है की व्यक्तिगत रूप से आने वाले अधिकारियों को गुरुद्वारों में प्रवेश दिया जाएगा.
इस मीटिंग में 30 प्रतिनिधियों ने इस फैसले की लिखित कॉपी पर हस्ताक्षर किये. आपको बता दें कि कनाडा में अत्यधिक मात्रा में सिख समुदाय के लोग निवास करते हैं. वहीँ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अकल तख्त जत्थेदार ज्ञानी गुरुवचन सिंह ने कहा है कि, गुरुद्वारे के द्वार सभी के लिए खुले हैं और यहां आने से किसी को भी नहीं रोका जा सकता.
वहीँ कमेटी के प्रवक्ता अमरजीत सिंह मान ने कहा कि - "हमने यह फैसला लिया है. वैसे पहले से ही इन 14 गुरुद्वारों में किसी भी भारतीय अधिकारी के सेवादारों को संबोधित करने या कोई कार्यक्रम आयोजित करने की मनाही थी. लेकिन तब यह नियम अलिखित था. अब इसे हम ऑफिशियल कर रहे हैं. क्योंकि ऐसा देखा जा रहा है कि भारतीय अधिकारी हमारे काम में दखलअंदाजी कर रहे हैं. इसलिए ये फैसला लेना पड़ा."
वहीँ ओंटारियो खालसा दरबार के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बल ने इस मामले में कहा कि, - "सिख समुदाय के मामलों में भारत सरकार के अधिकारियों की दखलंदाजी इन दिनों बढ़ी है. इसलिए हमने यह निर्णय लिया है."
एक ऐसा शहर जहाँ रहते है सिर्फ चार लोग