नई दिल्ली: हिन्द महासागर में चीन के बढ़ते दखल को देखते हुए भारतीय वायु सेना ने चीन को रोकने की अपनी तैयारियां तेज़ कर दी है, कुछ ही समय पहले भारत ने हिंद महासागर में लॉन्ग रेंज़ की मिसाइलों का सफल परिक्षण किया था, यह परिक्षण ऐसे स्थल पर किया गया था जहाँ से चीनी सेना हिन्द महासागर में प्रवेश करती है. इसके बाद अब भारत ने अपनी वायु सेना में 2000 किमी तक मार करने वाली मिसाइलों को शामिल कर लिया है, जिससे हम चीनी सैनिकों को दूर से ही खदेड़ सकेंगे.
'गगन शक्ति' एक्सरसाइज के तहत किए गए इन अभ्यासों में ब्रह्मोस और हार्पून जहाज रोधी मिसाइलों से लैस वायुसेना के सुखोई और जगुआर जंगी विमानों ने भारतीय शक्ति और रणनीति का सफल परिचय दिया था. वायुसेना ने कहा है कि वे हिन्द महासागर के समुद्री युद्ध क्षेत्रों में लगातार अभ्यास कर रहे हैं. इस अभ्यास के दौरान ही भारतीय वायु सेना ने दक्षिण भारत के क्षेत्र में भी अभ्यास किया, जहां से चीन के 80 फीसद व्यापारिक जहाज़ गुजरते हैं, यहाँ Su-30MKI कॉम्बेट प्लेन पर ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल का इस्तेमाल किया गया.
भारतीय वायु सेना द्वारा किये गए इन अभ्यासों से भारत के प्रतिद्वंदी देश चीन, पाकिस्तान आदि को भी यह संकेत मिल गया होगा कि हिन्द महासागर में भारत से उलझना आसान नहीं होगा. गौरतलब है कि चीन हिन्द महासागर से सटे हुए देशों जैसे म्यांमार, बांग्लादेश, द्जिबुती, श्रीलंका और मालदीव आदि से हाथ मिलाकर हिन्द महासागर पर अपना दबदबा साबित करना चाहता है, लेकिन भारत द्वारा किए गए इन शक्ति परीक्षणों से उसे भी भारत का आशय समझ आ गया होगा.
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