पति का सपना, स्वच्छ हो गाँव हमारा
पति का सपना, स्वच्छ हो गाँव हमारा
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देवभोग: छत्तीसगढ़ के गाँव करचिया में 80 साल की वृद्धा का स्वच्छता को लेकर ऐसा जूनून देखने को मिला है जो उसको देखता है, सलाम किये बिना नहीं रह सकता. वे बताती है कि, अपने पति स्व. लंबोदर के सपने को पूरा करने के लिए पिछले 17 साल से गांव के गली-मोहल्ले की साफ-सफाई में जुटी हुई है. वे अकेली इतना साहस जुटाती है, धीरे-धीरे कभी लोगों का समर्थन मिलता गया.जो कभी मिलता है कभी नहीं.

धनमति सुबह व शाम गांव के अप्ल चौक से लेकर गलियों की सफाई करती है. दोपहर में घर-घर जाकर स्वच्छता के जागरूक करने प्रेरित करती है.उम्र के इस पड़ाव में धनमति की आंखें कमजोर हो गई हैं लेकिन साफ-सफाई के लिए उनमें जज्बा बरकरार है.  हालांकि वे आंखें कमजोर होने के कारण ज्यादा दूर नहीं निकल पाती.  सिर्फ गांव के गली-मोहल्ले की सफाई कर पाती है. 

धनमति बताती हैं कि पिछले 17 वर्षों से लगातार साफ-सफाई में जुटी है. यही वजह है कि गांव के छात्र-छात्रा भी स्वच्छता अभियान में साथ देते हैं. बातचीत में अपनी लड़खड़ाती जबान से वो कहती है की "पति का सपना था इसलिए मरते दम तक करुँगी साफ़-सफाई. 

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