पाकिस्तान के नेता भी मानते हैं वार्ता ही है एकमात्र विकल्प
पाकिस्तान के नेता भी मानते हैं वार्ता ही है एकमात्र विकल्प
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इस्लामाबाद : पाकिस्तान अक्सर भारत के खिलाफ सीमा पार से गोलीबारी कर मोर्चा खोलता है। आतंकियों को भारत में घुसपैठ के लिए मदद पहुंचाकर छद्म रूप से सहायता करता है जिससे कश्मीर में अस्थिरता आए मगर इसके बाद भी पाकिस्तान के ही नेताओं का मानना है कि किसी भी युद्ध के माध्यम से इसे प्राप्त नहीं किया जा सकता है। उनका कहना था कि इस मामले को आपसी सहमति से ही हल करना अधिक उचित है।

पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री द्वारा कहा गया कि उनका मानना है कि पाकिस्तान युद्ध के माध्यम से कश्मीर को प्राप्त नहीं कर सकता है। ऐसे में केवल वार्ता ही एकमात्र विकल्प है। वार्ता के माध्यम से हालात ठीक हो सकते हैं। आपस के विश्वास में जान फूंकी जा सकती है। उन्होंने इस बात का दावा भी किया कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान भारत से पाकिस्तान के रिश्ते सुधारने पर चर्चा की गई थी। इस दिशा में कई तरह के प्रयास किए गए थे।

उनका यह भी कहना था कि उनकी सरकार ने वीजा नियमों में ढील दी और ट्रेड संबंधों को आगे बढ़ाया। दोनों ही देशों के मध्य अलग तरह का वातावरण होने पर कई तरह के मसलों को अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सकता। हिना रब्बानी खार का कहना था कि भारत और पाकिस्तान के बीच चर्चा होना जरूरी है। पाकिस्तान की विदेश नीति में सैन्य प्रभाव होने के कारण कुछ परेशानी होती है मगर वार्ता को आगे बढ़ाना जरूरी है। सेना वहीं पर अपना कार्य करे जहां उसकी प्रासंगिकता है।

पूर्व विदेश मंत्री द्वारा कहा गया कि उन्हें स्वयं ही ये सवाल करने चाहिए कि अेरिका इंडिया की ओर क्यो झुका हुआ है। दरअसल यह किसी सैन्य या परमाणु शक्ति संपन्न होने के कारण नहीं है बल्कि भारत की जनशक्ति अच्छी है। वहां का लोकतंत्र मजबूत है। उन्होंने अफगान जिहाद को लेकर भी अपने विचार रखे और पाकिस्तान के इसमें दखल को गलत बताया। उनका कहना था कि पाकिस्तान को अमेरिका पर सैन्य निर्भरता कम करना होगी।

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