चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने राज्य मे पढ़े-लिखे नेताओं की बहाली के लिए दृढ़ संकल्प ले लिया है। पहले ही सरकार ने पंचायत चुनाव के मैदान में खड़े होने के लिए प्राथमिक योग्यता 10 वीं पास कर दिया है और अब सरकार ने शहरी नगर निकाय में भी एक नई शर्त लाने पर विचार कर रही है। अगर इस नियम ने हकीकत के जमीन पर कदम रखा तो राज्य के कोई भी पार्षद जाहिल व अनपढ़ नही मिलेंगे।
राज्य में कुल 9 नगर निगम, 19 नगर परिषद और 50 नगर पालिकाएं है। आने वाले समय में राज्य के 40 शहरों में स्थानीय नगर निकाय चुनाव होने वाले है। पंचायत चुनाव के खत्म होते ही राज्य में निकाय चुनाव प्रस्तावित है। पंचायत चुनाव के लिए 10 वीं पास होने की योग्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही मुहर लगा दी है, जिसके बाद अब सरकार निकाय चुनाव के लिए भी न्युनतम योग्यता 12 वीं पास करने वाली है।
सामान्य श्रेणी की महिला व अनुसूचित जाति के पुरुष के लिए यह योग्यता दसवीं करने और अनुसूचित जाति की महिला पार्षद के लिए शैक्षणिक योग्यता आठवीं करने का प्रस्ताव है। कहा जा रहा है कि राज्य के महाधिवक्ता ने सरकार को सलाह दी है कि शहरी निकाय चुनाव के लिए शैक्षणिक योग्यता बढ़ाई जानी चाहिए, लेकिन इस मामले में अंतिम निर्णय हरियाणा कैबिनेट ही लेगी।
दूसरी तरफ सोमवार को सिरसा में हरियाणा सरकार में राज्यमंत्री करण देव काम्बोज ने पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता लागू करने पर कहा कि नगर निकाय चुनाव में भी शैक्षणिक योग्यता लागू होगी। उन्होंने कहा कि सरकार की सोच सही है कि शिक्षित व्यक्ति ही जनप्रतिनिधि बने।