सनातन धर्म में माना जाता है कि ईश्वर एक है लेकिन उसके नाम अनेक हैं। ऋग्वेद के अनुसार ईश्वर एक ही है लेकिन अपने कर्ताभाव के अनुसार वह अलग- अलग नामों से जाने जाते हैं जैसे कि-
नाम अनेक
सृष्टिकर्ता रूप में ईश्वर को ब्रह्मा कहा जाता है।
* विद्या की देवी को माता सरस्वती के नाम से जाना जाता है।
* सर्वत्र व्याप्त या जगत का पालन करने श्री विष्णु हैं।
* समस्त धन-सम्पत्ति और वैभव की देवी लक्ष्मी हैं।
* रुद्र यानि शिवजी संहारक हैं।
* जिस रूप में ईश्वर समस्त शक्ति को पाते हैं उसे दुर्गा जी कहते हैं।
* सामूहिक बुद्धि का परिचायक गणेश है।
* पराक्रम का भण्डार स्कंद है।
*जिस रूप में ईश्वर आनन्ददाता है, मनोहारी है उसका नाम राम है।
* धरती को शस्य से भरपूर करने वाले ईश्वर का नाम सीता है।
* सबको आकृष्ट करने वाले, अभिभूत करने वाले रूप में उसका नाम कृष्ण है।
* सबको प्रसन्न, सम्पन्न और सफलता दिलाने वाले ईश्वर का नाम राधा है।
रूप है एक
ईश्वर के चाहे नाम कितने भी हो लेकिन उनका रूप एक ही है। कई जगह हिन्दू धर्म में आदि शक्ति मां दुर्गा को सर्वोपरि माना गया है। वेद पुराणों में इस तथ्य को लिखा भी गया है कि धरती को संभालने वाले त्रिदेव भी दुर्गा जी की आराधना करते हैं।