गणेश जी ने राजा और बुढिया पर की मेहरबानी: गणेश कथा
गणेश जी ने राजा और बुढिया पर की मेहरबानी: गणेश कथा
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बहुत पुरानी बात है। एक गांव में एक बुढ़िया रहती थी। वह गणेश जी की भक्त भी। लेकिन, उसकी बहु को यह पसंद नहीं था। एक दिन बहु ने पूजा स्थल पर रखी गणेश जी की प्रतिमा को उठाकर कुएं में फेंक दिया। बुढ़िया बहुत दुखी हुई। वह गांव छोड़ कर चली गई। रास्ते में जो भी उसे मिला वह उससे गणेश जी की मूर्ति बनाने की कहती। 

उसकी किसी ने नहीं सुनी। वह चलते—चलते राजा के महल के बाहर पहुंच जाती है। वहां देखती है कि एक कारीगर महल बना रहा है। बुढ़िया ने उस कारीगर से मूर्ति बनाने को कहा तो कारीगर ने भी मना कर दिया। उसने बुढ़िया का अपमान कर उसे वहां से भगा दिया। बुढिया वहां से चली जाती है लेकिन, महल टेड़ा हो जाता है। कारीगर यह देखकर परेशानी में आ जाता है। वह इसकी वजह समझ नहीं पाता। वह राजा के पास जाता है और कहता है कि कहता है कि बुढ़िया के जाने के बाद ही महल टेढ़ा हो गया। 

राजा भी गणेश जी का भक्त था। वह अपने कारिन्दों से बुढिया को महल में बुलवाता है और कहता है कि मैं तुम्हारे लिए गणेश जी का मन्दिर बनवाउंगा। राजा ने गणेश जी का मन्दिर बनवा दिया तभी उसका महल सीधा हो गया। इस तरह जैसे भगवान गणेश ने राजा और बुढ़िया पर कृपा बनाई, वैसे ही वह सब भक्तों पर कृपा बनाए रखें। बोलो गणेश जी महाराज की जय।

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