कल है गजलक्ष्मी व्रत, ऐसे करें महालक्ष्मी जी की आरती
कल है गजलक्ष्मी व्रत, ऐसे करें महालक्ष्मी जी की आरती
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आप सभी को बता दें कि श्राद्ध पक्ष में यूं तो शुभ कार्य वर्जित होते हैं जैसे नई वस्तुएं खरीदना, नए परिधान पहनना आदि लेकिन कहा जाता है इन 16 कड़वे दिनों में अष्टमी का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है और श्राद्ध पक्ष में आने वाली अष्टमी को लक्ष्मी जी का वरदान प्राप्त है. कहते हैं यह दिन विशेष इसलिए भी है कि इस दिन सोना खरीदने का महत्व है. ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन खरीदा सोना आठ गुना बढ़ता है और साथ ही शादी की खरीदारी के लिए भी यह दिन उपयुक्त माना गया है. कहते हैं कि दिवाली से ज्यादा महत्व है श्राद्ध की अष्टमी पर महालक्ष्मी पूजा का होता है और इस दिन हाथी पर सवार मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसे में माँ लक्ष्मी की इस आरती से उन्हें आज प्रसन्न किया जा सकता है. आपको यह भी बता दें कि गजलक्ष्मी व्रत 2 अक्टूबर को है. तो आइए जानते हैं आरती. 


ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निस दिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय...
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय...
तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय...
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय...
जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय...
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ॐ जय...
शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ॐ जय...
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ॐ जय...

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