लोकसभा से भी GST बिल पारित, आगे 15 राज्यों की चाहिए मंजूरी
लोकसभा से भी GST बिल पारित, आगे 15 राज्यों की चाहिए मंजूरी
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नई दिल्ली : राज्यसभा में 11 संसोधनों के साथ पारित किया जा चुका गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स अब लोकसभा से भी पारित हो चुका है। लोकसभा में इस पर वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान दिया और कहा कि GST का अर्थ great steps by team india है। इस बिल से साबित होगा कि आखिर कंज्यूमर ही किंग है।

मोदी ने कहा कि यह बिल गरीबों को गरीबी से लड़ने में मदद करेगा। इसी लिए इस बिल के तहत गरीबों के काम आने वाली चीजों को टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा। बिल को सदन में रखने और चर्चा के लिए वित मंत्री अरुण जेटली सामने आए। उन्होने बिल को उच्च सदन में पास करवाने के लिए अपना समर्थन देने पर सभी पार्टियों को धन्यवाद दिया।

आगे पीएम ने कहा कि कर के आतंक से मुक्ति दिलाने की दिशा में जीएसटी एक अहम कदम है। 90 राजनीतिक दलों के मंथन के बाद हम यहां पहुंचे है। जीएसटी बिल का मतलब है कि ग्रेट स्टेप टुवार्ड्स ट्रांसफॉर्मेशन और ग्रेट स्टेप टुवार्ड्स ट्रांसपेरेंसी इन इंडिया। यह सही है कि किसी राजनीतिक दल ने इसका विचार किया और कई राजनीतिक दलों ने इसमें सुधार किया।

एक देश में, एक मंच, एक मत, एक मंत्र और एक कर बन कर उभरा है जीएसटी बिल। मोदी ने कहा कि इस बिल से छोटे उत्पादकों को सुरक्षा की गारंटी मिलेगी। इससे करों में एकरुपता आएगी। उन्होने बताया कि रिजर्व बैंक से कहा गया है कि वो महंगाई को 4 फीसदी पर रोकें। इस बिल के कारण सहज रुप से धन आएगा, जिससे मैन्युफैक्चरिंग की प्रतिस्पर्धा बढ़ेंगी।

इस बिल की सबसे बड़ी ताकत ही तकनीक है और इससे हम भ्रष्टाचार से भी मुक्ति पा सकते है। अब भारत में कच्चा बिल और पक्का बिल के फासले को समाप्त किया जा सकेगा। इससे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में लाभ होगा। अब आगे इस बिल को पास करने में 16 राज्यों की सहमति चाहिए होगी। यह बिल मोदी सरकार के लिए एक बड़ी आर्थिक उपलब्धि है।

जीएसटी के मूल स्वरुप को लोकसभा में मई 2015 में लाया गया था। फिलहाल देश के 9 राज्यों में बीजेपी की सरकार है। जो क्रमशः झारखंड, छतीसगढ़, गुजरात, असम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र व गोवा में है। इसके साथ ही चार राज्यों में बीजेपी की गठबंधन सरकार है। आंध्र प्रदेश, नागालैंड, पंजाब, जम्मू और कश्मीर यानि बीजेपी के हाथ में 13 राज्य और जीएसटी के लिए 15 राज्यों का समर्थन होना जरूरी है। बिहार और बंगाल द्वारा समर्थन देने की बात कही जा चुकी है।

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