मुहांसों से हैं परेशान, हम लाये हैं आपके लिए समाधान
मुहांसों से हैं परेशान, हम लाये हैं आपके लिए समाधान
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किसी भी व्यक्ति को मुहांसों से भरा हुआ चेहरा पसंद नहीं आता है, हम आपको यहाँ बताएंगे की आप कैसे अपने चेहरे को मुहाँसे रहित खूबसूरत कैसे रख सकते हैं।सबसे ज्यादा इस समस्या से नवयुवा परेशान होते हैं, क्यूंकी यही ऐसा वक़्त होता है जब मुहाँसे आपको ज़्यादातर अपना शिकार बनाते हैं, शोध में पाया गया है की 25 की उम्र में युवा 20, 30 या 40 के उम्र की तुलना में ज्यादा मुहांसों से जूझते हैं।

American Academy of Dermatology ने शोध में यह खुलासा किया है की मुहांसों के लिए ये तीन वजह बहुत मुख्य हैं: हद से ज्यादा आइल ग्लैंड का काम करना, रॉम छिद्र का बंद होना और स्वयं रॉम छिद्र के भीतर बेक्टेरिया का पनपना ।

हम कुछ चुनिन्दा नुस्खे आपके साथ बांटने वाले हैं जो एक्ने रोकने में आपके लिए काफी सहायक होगा।

1) सफाई अवश्य करें मगर सावधानी से और सिर्फ एक हद तक।

मुहाँसे होने की सबसे बड़ी मिथक बात धूल को मानी जाती है जबकि असल वजह आपकी त्वचा में उपलब्ध तेलिय नमी है जो आपके चेहरे को शुष्क वातावरण के हानिकारक प्रभाव से बचाती है। इस अवस्था में आपको अपने चेहरे को दिन में कम से कम दो से तीन बार अवश्य ही धोना चाहिए वो भी एक उचित pH बेलेंस्ड फॉर्मूला के द्वारा।

2) कम Glycemic Index का सेवन करें।

ऐसा नहीं माना जा सकता की एक ग्लास दूध या कुकी सेहत की लिए बुरी है मगर सच बात यह भी है के इनके सेवन से आपके शरीर में Glycemic Index का लेवेल बढ़ जाता है, ये खाद्य पदार्थ शरीर में तत्काल रूप से ब्लड-शुगर को बढ़ावा देते हैं। फलस्वरूप बढ़े हुए शुगर लेवेल को घटाने की लिए शरीर भारी मात्रा में इंसुलिन का निर्माण करने लगता है जो की ग्लूकोस को पुनः अपने पूर्वावस्था में लाने में मददगार होते हैं, जैसा की हम जानते हैं की इस पूरी प्रक्रिया में इंसुलिन का महत्वपूर्ण योगदान है और यही इंसुलिन शरीर में तेलिय पढ़ार्थ बनाने का जिम्मेदार होता है, जिससे की मुहाँसे होने की संभावना रहती है।

3) उत्पाद में उपस्थित संघटक तत्व के बारे में अवश्य पढ़ें।

खरीददारी के दौरान हमेशा महत्वपूर्ण शब्द जैसे noncomodegenic को उत्पाद के संघटक तत्वों की शूची में अवश्य तलाशें, यह शब्द दर्शाता है के लिखित उत्पाद में रॉम-छिद्रों को बंद करने वाले घटक शामिल नहीं हैं, जो की मुहांसों को बढ़ावा देते हैं। कोशिश करें की ऐसा कोई भी उत्पाद ना चुनें जिसमें lanolin, mineral oil, fragrance and cocoa butter उप्लब्ध हो। और ध्यान रखें चेहरे पर विभिन्न  उत्पादों की परत ना चढ़ाएँ बल्कि एक और सही उत्पाद लगाएँ।

4) मुहासों के होने पर तत्काल और सही प्रतिक्रिया करें।

मुहाँसे यदि छोटे पैमाने पर हों तो उसी वक़्त उस पर उचित कदम उठा लेना ही सही है। Benzoyl peroxid को सबसे ज्यादा प्रसिद्धि हासिल है मुहाँसे, दाग आदि को रोकने के लिए और भी कुछ और घटक शुचि में शम्मिलित हैं जैसे Salicylic Acid और Tea Tree Oil.

5) जबकि मुहाँसे बढ्ने लगें या फटने के कगार पर हों।

हमेशा ध्यान रहे जब कभी आपके चेहरे पर मुहाँसे बढ्ने लगे या ऐसा लगे के अब वे फटने के कगार पर हैं उन्हें कभी भी हाथों से न छूएँ और ना ही उन्हें फोड़ें ऐसा करने से रॉम-छिद्रों पर उपस्थित paper-thin follicle wall टूट जाया करती है जिससे बैक्टीरिया आसपास के टिशू को भी संक्रमित कर देता है और मुहाँसे कम होने की जगह बढ्ने लगते हैं। शरीर की बनावट के आधार पर ये खुद ही संक्रमण को रोकने का काम करती है, संक्रमित टिशू शरीर से अलग कर दिये जाते हैं और उनके स्थान पर एक नया टिशू स्थान लेना शुरू कर देता है।

6) आंतरिक मुहाँसे

जिस तरह बाहरी मुहासे होते हैं उसी प्रकार आंतरिक मुहाँसे होने की भी संभावना रहती है, आंतरिक मुहांसों का इलाज खुद से करना उतना आसान नहीं है और उचित यही होगा इस स्थिति में आप प्रोफेशनल की सलाह ले लें।

7) तनाव

पूरे शरीर के टिशू में तनाव का प्रभाव पड़ता है, और प्रभावस्वरूप हमारा शरीर glucocorticoids नामक घटक उत्पन्न करता है जो की शरीर में तेलीय उत्पादन की संख्या को बढ़ा देता है। अतएव सुझाव यह है के तनाव से बचने का हर संभव प्रयास करें चूँकि यह सिर्फ मुहांसों ही नहीं बल्कि पूरे शारीरिक तौर पर ही शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

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