हर साल बढ़ जाती है शिवलिंग की लंबाई
हर साल बढ़ जाती है शिवलिंग की लंबाई
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छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले का मरौदा गांव जहां घने जंगलों बीच है, प्राकृतिक शिवलिंग जो की भूतेश्वर नाथ के नाम से प्रसिद्ध है. यह विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग है.

कहते हैं कि आज से सैकडो वर्ष  विशेष एक आकृति नुमा टीले से सांड के हुंकारने (चिल्लानें) एवं शेर के दहाडनें की आवाज आती थी.

यह स्थान भुतेश्वरनाथ, भकुरा महादेव के नाम से जाना जाता है. इस शिवलिंग का पौराणिक महत्व सन 1959 में गोरखपुर से प्रकाशित धार्मिक पत्रिका कल्याण के वार्षिक अंक के पृष्ट क्रमांक 408 में उल्लेखित है जिसमें इसे विश्व का एक अनोखा और विशाल शिवलिंग बताया गया है.
किंवदंती है कि इनकी पूजा बिंदनवागढ़ के छुरा नरेश के पूर्वजों द्वारा की जाती थी. दंत कथा है कि भगवान शंकर-पार्वती ऋषि मुनियों के आश्रमों में भ्रमण करने आए थे, तभी यहां शिवलिंग के रूप में स्थापित हो गए.

शिवलिंग जमीन से लगभग 18 फीट उंचा एवं 20 फीट गोलाकार है. राजस्व विभाग द्वारा हर वर्ष शिवलिंग की उंचाई नापी जाती है जो लगातार 6 से 8 इंच बढ रही है.

इस शिवलिंग पर लिखा है कलमा

 

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