अद्नभुत इतिहास के कारण आज भी महत्त्व रखते हैं ये मंदिर
अद्नभुत इतिहास के कारण आज भी महत्त्व रखते हैं ये मंदिर
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भारत दुनिया का एक ऐसा देश है, जहां मंदिरों की अधिकता देखी जा सकती है और इसी वजह से इसे देव भूमि भी कहा जाता है। आज हम आपको भारत मे मौजूद ऐसे खास मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी स्थापना आज से नहीं बल्कि आदिकाल से ही हो चुकी थी और जिसकी महत्वता पूरा भारत ही नहीं बल्कि भारत के बाहर भी जानी जाती है। तो चलिए जानते हैं उन खास मंदिरों के बारे में.. 

लिंगराज मंदिर- उड़ीसा के भुवनेश्वंर में स्थित लिंगराज मंदिर भी बहुत पुराना है। भगवान शिव को समर्पित इस मंद‍िर में शालिग्राम के रूप में भगवान विष्णु  भी यहां मौजूद हैं। 11वीं शताब्दी के करीब बने इस मंद‍िर की वास्तुकला ब‍िल्कुल अलग द‍िखती है। खास‍ियत यह है क‍ि बाहर से मंदिर चारों ओर से फूलों के मोटे गजरे पहना हुआ सा दिखाई देता है।

वेंकटेश्वर मंद‍िर- आन्ध्र प्रदेश के तिरुपति शहर में स्थित विष्णु  मंदिर वेंकटेश्वर का निर्माण 10वीं शताब्दीह में हुआ था। यह भी विश्व का सबसे बड़ा और प्राची धार्मिक स्थल माना जाता है। यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्प कला का अद्भुत उदाहरण हैं। कहते हैं इस मंदिर की परछाईं नजर नहीं आती। यहां भी बड़ीं संख्या में भक्त आते हैं।

मुंडेश्वरी मंद‍िर- ब‍िहार का मुंडेश्वरी देवी का मंदिर भी प्राचीन है। इसकी स्थापना 108 ईस्वी में हुविश्‍क के शासनकाल में हुई थी। यह बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर अंचल में पवरा पहाड़ी पर 608 फीट की ऊंचाई पर बना है। यहां भगवान शिव और पार्वती की पूजा होती है। प्रमाणों के आधार पर यह मंद‍िर भी देश के प्राचीन मंदिरों में शामि‍ल है। 

बृहदेश्वगर मंद‍िर- तमिलनाडु के तंजौर का बृहदेश्वर मंदिर दुनि‍या का पहला व एकमात्र ग्रेनाइड मंद‍िर माना जाता है। यूनेस्को की धरोहर में शामि‍ल इस मंदिर के शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़े से बने हैं। इसका निर्माण करीब 1003-1010 ई. के बीच चोल शासक राजाराज चोल प्रथम द्वारा 5 सालों में कराया गया था। यह बेहद भव्य  व आकर्षक है। 

 

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