जीवन के लिए हवा के बाद पानी सबसे जरूरी चीज है। पानी हमारे स्वास्थ्य पर कई प्रकार से असर डालता है। पानी क्यों, कब, कितना और कैसे पीना चाहिये; यह जानना बहुत उपयोगी है। कायदे से पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के कई फ़ायदे हैं। इसलिए सबसे पहले यही जानें कि शरीर में पानी क्या करता है।
पानी क्यों चाहिये ? अर्थात पानी के कार्य:
- एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में 60-65% पानी होता है और नवजात शिशु के शरीर में 76-78% तक पानी होता है । पानी की इस मात्रा में जब 1-2% की भी कमी आती है तो व्यक्ति प्यासा या असामान्य होने लगता है । अतः शरीर को लगातार पर्याप्त पानी मिलते रहना चाहिए । पसीने, पेशाब व शौच के साथ पानी निकलता रहता है । जब शरीर में पानी जरूरी स्तर से कम हो जाता है, तो उसे De-hydration कहते हैं । इसमें व्यक्ति शिथिल व कमजोर हो जाता है; समय पर पानी नहीं मिलने पर मौत तक हो सकती है ।
- पानी शरीर के सामान्य तापमान को बनाये रखने में बहुत महत्वपूर्ण है ।
- पानी रक्त के साथ-साथ पौष्टिक तत्व और ऑक्सिजन विभिन्न कोशिकाओं तक ले जाता है ।
- यह त्वचा और अन्य ऊतकों में आवश्यक नमी बनाकर रखता है ।
- यह पाचन-तंत्र में भोजन को पचाने तथा आगे बढ्ने के लिये जरूरी है । इसके अभाव में कब्जियत व अपच हो सकती है ।
- यह जोड़ो तथा मांस-पेशियों को स्वस्थ्य व गतिशील बनाये रखने के लिये भी जरूरी है ।
पानी कब-कितना पिये ?
- दिनभर में समान्यतः एक वयस्क व्यक्ति को 2.5 से 4 लीटर तक पानी पीना चाहिये अर्थात 10-12 गिलास पानी पीना अच्छी आदत है ।
- सुबह उठते ही कम से कम एक पूरा गिलास या 2-3 गिलास तक पानी पीना चाहिए । भारत में प्राचीन समय से ‘उषापान’ के नाम से 2-3 गिलास या (अधिकतम) 1 लीटर तक भी पानी पीने की परंपरा रही है । यह कब्जियत से बचने के लिये अच्छी आदत है ।
- पूरा भोजन जब भी लें (दो या तीन बार) तब एक गिलास (250-300 ग्राम) पानी अवश्य लें ।
- भोजन के साथ या तुरंत बाद एक गिलास से अधिक पानी पीना उचित नहीं है ।
- इसके अलावा हर एक घंटे में आधा-एक गिलास पानी पीते रहना चाहिए ।
- कोई भी व्यायाम करने से 10-15 मिनट पहले और 20-30 मिनट बाद पानी पीना चाहिए । पाश्चात्य लोग तो व्यायाम के दौरान भी पानी पीने की सलाह देते हैं । परंतु भारतीय जानकार इसे टालना उचित मानते हैं ।
- चाय, काफी या सॉफ्ट-ड्रिंक्स लेने से प्यास कम हो जाती है और जो लोग ऐसे अन्य पेय अधिक पीते हैं, वे पानी कम पीते हैं । लेकिन चाय-काफी आदि से आंशिक रूप से ही पानी मिलता है । इसलिए बेहतर है कि ऐसे पेय कम (दिन में 1,2 या 3 कप) ही लें और पानी पर्याप्त पिये ।
- अपने कार्य-स्थल पर व जब भी घर से बाहर जाएँ तो ध्यान रखेँ कि आपको स्वच्छ पानी हर जगह और हर समय मिल सकें । जहां भी इस सुविधा में आशंका हो, अपने साथ घर से वॉटर-बॉटल ले जाने में संकोच ना करें ।
- जब कभी सादे पानी से आपकी प्यास नहीं बुझ रही हो; या आपको गर्मी व अधिक पसीना आने से अधिक प्यास लग रही हो, तो बेहतर है कि सादे पानी में उपलब्ध्ता अनुसार ग्लुकोज़/ ORS/ शक्कर मिला लें । रुचि अनुसार नीबू का रस व चुटकी भर नमक मिलाना भी अच्छा है । गर्मियों में, दिन में 1-2 बार खट्टे-मीठे (संतरा वर्ग के) फलों का रस लेना तो बहुत लाभकारी है ।
- रात का भोजन यदि आप सोने से कम-से कम दो घंटे पहले लें और फिर एक गिलास पानी पीकर सोएँ; तो सबसे अच्छी बात है । किन्तु काम के रूटीन में यदि ऐसा संभव नहीं है, तो भी बेहतर है कि भोजन के बाद करीब एक घंटा जागकर फिर आधा गिलास पानी पीकर सोएँ ।
पानी पीने का तरीका:
पानी स्वच्छ, निर्मल हो और मनभाता ठंडा हो, बहुत अधिक या फ्रीज़-कूल्ड नहीं हो और उसे आप आराम से, धीरे-धीरे करके पिये; इतनी ही पानी पीने के तरीके के बारे में हिदायत है । उपरोक्त बातों का ध्यान रखकर आप पानी संबंधी अपनी आदतें बना लेंगे; तो स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं में यह लाभकारी होगा ।