विटामिन ‘ए’ यह एक फैट सॉल्यूबल विटामिन है जिसे ज्यादा खाने से जन्म दोष की समस्या पैदा होती है. गर्भ के दौरान खास सावधानी बरतनी पड़ती है, अत्याधिक विटामिन ए, पेट में पलते बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है.
1-गर्भावस्था के दौरान गर्भ करीब 2500 आइ यु या 750 माईक्रोग्राम विटामिन जरूरी होता है. जो महिलाएं गर्भावस्था के शुरूआती महीनो में रोजाना ज्यादा विटामिन ए का सेवन करती है, उनके नवजात शिशुओं में जन्मजात विकृतियां पैदा हो जाती है. उनके सिर, दिल, दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड में परेशानी होती है. ज्यादा विटामिन ए खाने से लीवर ख़राब होने और गर्भपात हो सकता है, तो अगर आपको विटामिन ए खाना है तो अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह ले.
2-गर्भावस्था के दौरान विटामिन ए की कमी गर्भस्थ शिशु और महिला दोनो के लिए ही नुकसान दायक होती है. इसलिए विटामिन ए की कमी के लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी होता है. नींद न आना, नाइट ब्लाइंडनेस, निमोनिया की शिकायत, कमजोर इम्यून सिस्टम आदि होते है.
3-'विटामिन ए' की कमी बच्चे के फेफड़े में वायु संचरण करने वाली नलिका की मांसपेशी में इस तरह के बदलाव आ जाते हैं, जिसके कारण वायु संवहन नलिका संकुचित हो जाती है, जो बाद में अस्थमा के जोखिम को बढ़ा देता है.