आखिर क्यों लगाई जाती है मंदिर में भगवान की परिक्रमा
आखिर क्यों लगाई जाती है मंदिर में भगवान की परिक्रमा
Share:

हम सभी अकसर ही मंदिर जाते हैं तो ऐसे में कई ऐसे लोग हमे मंदिर में मिलते हैं जो मंदिर के चारो और घूमकर मंदिर की परिक्रमा करते हैं. ऐसे में आप सभी ने वहां कई लोगों को परिक्रमा करते देखा होगा या फिर आपने भी कई बार मंदिर की परिक्रमा लगाई होगी. अब क्या आप यह जानते हैं कि आखिर यह परिक्रमा क्यों लगाई जाती हैं..? जी हाँ, अगर आप नहीं जानते हैं तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों लगाई जाती हैं मंदिर में परिक्रमा.

मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा गया है कि मंदिर और भगवान की मूर्ति के आसपास परिक्रमा करने से सकारात्मक ऊर्जा शरीर में प्रवेश करती है और मन को शांति मिलती है. साथ ही यह भी मान्यता है कि नंगे पांव परिक्रमा करने से अधिक सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. इसी के साथ यह भी कहा जाता हैं कि जब भगवान गणेश जी ने अपने भाई कार्तिकेय के साथ पूरी सृष्टि के चक्कर लगाने की शर्त रखी थी तभी उन्होंने अपनी चतुराई से पिता शिव और माता पार्वती के तीन चक्कर लगाए थे और उन्हें विजय प्राप्त हुई थी क्योंकि पूरी सृष्टि माता पिता के चरणों में ही हैं.

इसी वजह से भी लोग पूजा के बाद संसार के निर्माता के चक्कर लगाते हैं और साथ ही यह भी कहते हैं कि परिक्रमा करने से घर में धन-समृद्धि आती हैं और जीवन में खुशियां बनी रहती हैं. कहा गया है कि हमेशा परिक्रमा करते वक्त भगवान दाएं हाथ की तरफ होने चाहिए तो ही इसे शुभ माना जाता हैं.

अगर इस अक्षर से आता है आपके प्रेमी का नाम तो बहुत लकी हैं आप

इस करवाचौथ पर पति को दे यह चीज़, साल भर आएगा खूब पैसा

जिंदगी भर अमीर बने रहना चाहते हैं तो यहाँ गाड़ दें 4 लौंग

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -