छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा यूं तो अक्सर नक्सली गतिविधियों को लेकर चर्चा में बना रहता है. नक्सलियों के हमलो के अलावा इस जिले की एक ओर बड़ी समस्या है. ये समस्या है मलेरिया. मच्छरों से न केवल यहां के आम लोग बल्कि दंतेवाड़ा में तैनात जवान भी परेशान है.
इस समस्या से निपटने के लिए राज्य के स्वस्थ्य विभाग द्वारा जिले में लगभग 42 लाख मच्छरदानियां बांटी जा चुकी है साथ ही दवा का छिड़काव भी भरपूर मात्रा में किया गया. इन उपायों के बाद भी मलेरिया के प्रकोप से बचना मुश्किल होता जा रहा है. मलेरिया के प्रकोप से आम लोगो के साथ ही यहां तैनात जवान भी बेबस नजर आ रहे हैं.
जिले में मलेरिया के प्रकोप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2017 -18 में ही17 हजार से ज्यादा लोगों में मलेरिया की पुष्टि हुई, इनमें 10 लोगों की जान गई. मच्छरदानियां लोगों तक पहुंचाने के लिए राज्य का स्वस्थ्य विभाग पूरी ताकत से लगा हुआ है. दंतेवाड़ा में कई ऐसे ग्रमीण इलाके भी है जहां वाहनों से पहुंचना मुमकिन नहीं है. ऐसे इलाको में सरकारी कर्मचारी अपने कंधे पर मच्छरदानियां टांग कर पैदल ही ग्रामीण लोगों तक पहुंचाते हैं.
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