देश में बढ़ती आधुनिक शिक्षा के बीच कई सराहनीय कदम उठाये गए है. आधुनिक शिक्षा ने गुरु और शिष्य के बीच के संवाद को जरूर छीना हैं, परन्तु शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से इस तकनीक ने अपने पैर पसार शिक्षा को सरलतम रूप भी दिया हैं. पहले जहां स्कूलों में कंप्यूटर पर छात्रों को शिक्षा दी जाती थी. वहीं, अब लैपटॉप के इस्तेमाल करने की मांग तेजी से उठी है. देश के सबसे साक्षर राज्य केरल में सर्वप्रथम इस पर पहल शुरू की गई है. केरल सरकार ने एक आदेश जारी किया हैं, और कहा है कि, अब से सरकारी स्कूलों में डेस्कटॉप नहीं खरीदें जाएंगे. उनकी जगह केवल लैपटॉप की ही खरीदी की जाएगी.
आपको बता दे कि, केरल सरकार ने उक्त आदेश केरल शिक्षा विभाग की टेक्नोलॉजी कमिटी की सिफारिशों के चलते लिया है. इससे छात्रों की पढ़ाई और भी आसान हो जाएगी. अब केरल के सरकारी स्कूलों में डेस्कटॉप नहीं खरीदे जाएंगे, और इनकी जगह पर अब केवल लैपटॉप से ही छात्र पढ़ पाएंगे.
इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फार एजुकेशन के उपाध्यक्ष के. अनवर सादात ने कहा है कि, लैपटॉप में पोर्टेबिलिटी, पॉवर बैकअप और न्यूनतम ऊर्जा खपत जैसी कई विशेषताएं होती हैं. केरल सरकार के आदेश के मुताबिक, अब इस वर्ष 4,775 स्कूलों की 45 हजार कक्षाओं में सत्र के अंत तक 60,250 लैपटॉप और 43,750 प्रोजेक्टर अनिवार्य रूप से स्थापित किये जाएंगे.
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