केपटाउन: बून्द-बून्द के लिए तरसते लोग, नल भी सूखे
केपटाउन: बून्द-बून्द के लिए तरसते लोग, नल भी सूखे
Share:

पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे दक्षिण अफ्रीका के लिए आने वाला समय और भी ज्यादा मुसीबत भरा हो सकता है. दक्षिण अफ्रीका के सबसे धनी शहर केपटाउन में कुछ महीनों बाद नलों से पानी आना बंद हो जाएगा. दक्षिण अफ्रीका की एक पत्रिका "डाउन टू अर्थ"  जो पर्यावरण से संबंधित अध्ययन करती है ने बताया कि लोगों और प्रशासन की लापरवाही के चलते यहां के सारे जलाशय सूख गए है, जिससे आने वाले समय में नलों का पानी भी सूख जाएगा, और इस शहर को पानी के भरी संकट का सामना पड़ेगा. 

वर्तमान में इस शहर की स्थिति: 
- कई होटल, क्लब आदि में नल हटा दिए हैं। विकल्प के तौर पर सैनेटाइजर के इस्तेमाल की सलाह दी गई है.
- बगीचों में पानी डालने, वाहन साफ करने पर रोक.
- अधिक इस्तेमाल पर जुर्माना.
- जितना ज्यादा पानी का उपयोग किया, उतना अधिक भुगतान.
- 50 लीटर पानी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन मिल रहा है.

लोगों के द्वारा किए गए उपाय:
- महिलाएं चोटी बनवा रही हैं ताकि बाल गंदे न हो और उन्हें बार-बार धोना न पड़े. बाल धोने के लिए ड्राई शैंपू के इस्तेमाल की सलाह दी गई है.
- एक ही पानी का बार-बार इस्तेमाल. बर्तन धोने के लिए "विशेष प्रोबायोटिक साबुन" का उपयोग. उस पानी का घर साफ करने में उपयोग किया जाता है.
- दो मिनट के गाने बनाए : दक्षिण अफ्रीकी पॉप गायकों ने दो मिनट में नहाने के लिए कई गाने बनाए हैं. गौरतलब है कि शॉवर से नहाने में प्रति मिनट 10 लीटर तक पानी खर्च होता है. ऐसे में दक्षिण अफ्रीकी लोगों के लिए पानी की प्रतिदिन निर्धारित मात्रा पांच मिनट में खत्म हो सकती है.

रोजमर्रा के कामों में खर्च होने वाले पानी की मात्रा:

नहाने, कपड़े और बर्तन धोने के लिए : 29 लीटर।
वॉशरूम : 8 लीटर
घर की सफाई के लिए : 4 लीटर
पानी पीने के लिए : 4 लीटर
हाथ धोने के लिए : 2 लीटर
कुकिंग के लिए : 2 लीटर
पालतू जानवरों के लिए : 1 लीटर

ट्विटर के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी ने छोड़ी कंपनी

Commonwealth2018 : खिलाड़ियों से गृहमंत्री ने मिलकर शुभकामनाएं दी

जल संकट तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर ले जायेगा

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -