नई दिल्ली : केंद्र सरकार के द्वारा हाल ही में कैंसर, मधुमेह, विषाणु संक्रमण और उच रक्तचाप के उपचार के लिए उपयोग में आने वाली 56 महत्त्वपूर्ण दवाओं की कीमत की सीमा तय की गई है. इसके चलते इन दवाओं के भाव में 25 फीसदी की गिरावट आने वाली है. लेकिन साथ ही यह भी बता दे कि औषधि कीमत नियामक राष्ट्रीय औषधि कीमत प्राधिकरण (NPPA) ने ग्लूकोज और सोडियम क्लोराइड इंजेक्शन जैसे नसों में दिए जाने वाले फ्लूड के छोटी मात्रा के पैक की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है.
इसके साथ ही यह भी बता दे कि जिन कम्पनियो की दवाइयों की कीमत में बदलाव हुआ है उनमे एबॉट हेल्थकेयर, सिप्ला, ल्यूपिन, एलेंम्बिक, एलकेम लैबोट्रीज, नोवार्तिस, बायोकॉन, इंटास फार्मास्युटिकल्स, हेतेरो हेल्थकेयर और पूर्व रैनबैक्सी को भी शामिल किया गया है.
इसको लेकर प्राधिकरण के चेयरमैन भूपेंद्र सिंह का यह बयान सामने आया है कि औषधियों के भावो में करीब 25 फीसदी तक की औसतन कटौती की गई है. वही यह भी कहा है कि कई मामलो में यह कटौती 10 से 15 फीसदी है तो वहीँ कुछ मामलो में यह 45 से 50 फीसदी तक भी देखने को मिल रही है. एक अधिसूचना जारी करते हुए एनपीपीए ने यह भी कहा है कि यदि विनिर्माता उच्च कीमत सीमा का अनुपालन नहीं किया जाता है तो अतिरिक्त राशि ब्याज के साथ जमा करवानी होगी.