बिहार सरकार की सजकता और सतर्कता के चलते बालू खनन को रोकना अब संभव माना जा रहा है. आपको बता दे कि नीतीश सरकार ने मंत्रियों की कमेटी द्वारा पारित बालू नीति के तहत नयी नियमावली को लागू किया था. जिसपर 23 जनवरी को माननीय उच्च न्यायालय में सुनवाई होने के बाद उस पर तदनुसार विचार किया जाएगा.
गौरतलब है कि पुराने नियमावली के अनुसार पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा. वही दूसरी तरफ किसानों को सिंचाई के लिए पानी की तलाश में काफी गहरी नदियों में जाना पड़ता है. जिससे उनके डूबने की घटनाओ में इजाफा भी हुआ है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए नीतीश सरकार ने मंत्रियों की कमेटी द्वारा पारित बालू नीति के तहत नयी नियमावली लागू की है. जिसे 23 जनवरी को माननीय उच्च न्यायालय में सुनवाई होने के बाद उस पर तदनुसार विचार किया जाएगा.
फिलहाल राज्य में खासकर पटना-आरा-छपरा जिलों में जहाँ नियम के विरूद्ध खनन और भंडारण के मुद्दे को लेकर सबसे ज्यादा घाटों की बंदोबस्ती रद्द हुई थी. उन क्षेत्रों में बालू की कमी को देखते हुए, सरकार ने तत्काल पुरानी नियमावली के तहत खनन भंडारण के नियमो को लागू किया है, लेकिन नए बंदोबस्ती के लिए प्रति बंदोबस्ती 100 स्क्वॉयर फिट का एरिया मानक बनाया गया है, जिससे अवैध खनन पर रोक लगायी जा सके. बता दे कि पहले हजारों हेक्टेयर एक सेटली के जिम्मे होता था.
वही मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने अपने कार्यालय कक्ष में संवाददाताओं से वार्तालाप की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार के 35 जिलों में बालू की उपलब्धता है, और जो तीन जिले हैं वहाँ भी ई-बंदोबस्ती के माध्यम से 15-20 दिनों में बालू की उपलब्धता सुनिश्चित हो जायेगी. साथ ही मुख्य सचिव ने बताया कि आज बालू की समस्या को लेकर सीएम नीतीश कुमार तथा डिप्टी सीएम के द्वारा उच्चस्तरीय बैठक के दौरान विस्तृत समीक्षा की गई जिसमें कई तथ्य सामने आए. जिसमे सबसे पहले अवैध खनन की समस्या है. क्योंकि लोग मात्रा से ज्याद खनन कर लेते हैं, साथ ही गहराई के मानक का भी भरपूर उल्लंघन करते हैं. जिससे किसानों को सिंचाई की कठिनाई होती है, तथा सरकारी राजस्व की भी क्षति होती है.
इसी के मद्देनजर जब तक पटना उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश रद्द नहीं किया जाता है, तब तक पुराने नियमों के तहत बालू के खनन भंडारण का नियम लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है. इसी कड़ी में उन्होंने आगे बताया कि तत्काल पुराने रद्द घाटों सहित नये घाटों की बंदोबस्ती की जायेगी तथा पूर्व के बंदोबस्तधारी जब तक कि नियम के प्रतिकूल नहीं जाते हैं उनके लाइसेंस की अवधि रहने तक उनका बंदोबस्त जारी रहेगा.
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