कूटा. इंडोनेशिया में ताड़ के पेड़ों से घिरा बाली का खूबसूरत कूटा तट समुद्र में सर्फिंग और तट पर धूप सेंकने के शौकीन पर्यटकों के लिए लंबे समय से आकर्षण का केंद्र रहा है लेकिन इन दिनों कचरे के ढेर इस तट की खूबसूरती पर दाग लगा रहे हैं. तट पर धूप सेंक रहे लोगों के आस पास प्लास्टिक का कूड़ा और खाने के पैकेट बिखरे पड़े रहते हैं.
अधिकारियों ने हर दिन तकरीबन 100 टन कचरे को पास के लैंडफिल तक ले जाने के लिये 700 सफाईकर्मियों और 35 ट्रकों को तैनात किया. संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण की क्लीन सी मुहिम में शामिल करीब 40 देशों में इंडोनेशिया भी शामिल है, जिनका लक्ष्य समुद्र को दूषित करने वाले प्लास्टिक के कचरों पर लगाम लगाना है.
आॅस्ट्रेलियाई पर्यटक वेनेसा मूनशाइन ने कहा, मैं तैरना चाहती हूं लेकिन इसमें तैरना मुझे बिल्कुल पसंद नहीं क्योंकि यहां हर दिन, हर समय कचरा पड़ा रहता है. 17,000 से अधिक द्वीपों का यह द्वीपसमूह समुद्री कचरा पैदा करने के मामले में चीन के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर है. इंडोनेशिया में सालाना 12.9 लाख टन कचरा पैदा होता है. यह समस्या इतनी विकराल हो गयी है कि बीते महीने बाली में जिमबारन, कूटा और सेमियांक जैसे लोकप्रिय समुद्री तटों सहित करीब छह किलोमीटर के समुद्र तट पर कचरे के कारण आपात स्थिति की घोषणा करनी पड़ी.
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