तिरुअनंतपुरम: केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने दिसंबर माह से नई शिक्षा नीति लागू करने की घोषणा की है. यह औपनिवेशिक मानसिकता वाली शिक्षा प्रणाली को दुरुस्त करने वाली नई शिक्षा नीति होगी. सत्यपाल सिंह ने सोमवार को बताया कि नई शिक्षा नीति पर गहन विचार-मंथन लगातार जारी है. जो कि अब अपने अंतिम चरण में है. उक्त बात सत्यपाल सिंह ने भारतीय विचार केंद्र द्वारा आयोजित नेशनल एकेडमिक मीट के उद्घाटन समारोह में कही.
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि देश को स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अधिकतर शिक्षाविदों ने अंग्रेजी एवं पश्चिमी विद्वानों की नीतियों को अपनाया है, और जानबूझकर भारत की संस्कृति को हानि पहुंचाने का काम किया. उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार विकास के मॉडल पर अधिक ध्यान दे रही है, परन्तु शिक्षा के क्षेत्र में भी अभी काफी कुछ करने की आवश्यकता हैं. छात्रो को शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश न जाना पड़े, इसके लिए देश में ही हमें उच्च शिक्षण संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करना होगा.
विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 50 प्रतिशत पद खाली...
केंद्रीय मंत्री के अनुसार देश की कई यूनिवर्सिटीज में शिक्षक ही मौजूद नहीं है, यह बहुत ही विचारणीय विषय है. विश्विद्यालयों में करीब 50 फीसदी से अधिक शिक्षकों के पद खाली पड़े हुए है. दिल्ली यूनिवर्सिटी में ही 4000 पद खाली है. शिक्षा नीति में बदलाव की आवश्यकता है. कानून में प्राथमिक शिक्षा का अधिकार तो प्रदान किया गया है, लेकिन माता-पिता अगर अपने बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजें तो फिर क्या समाधान है? अतएव देश में शिक्षा नीति को लेकर अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है.
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