अब सिर्फ यादों में  बनी रहेगी याहू इंटरनेट कम्पनी !
अब सिर्फ यादों में बनी रहेगी याहू इंटरनेट कम्पनी !
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इंटरनेट की ए बी सी डी से परिचय करवाने वाली इंटरनेट कम्पनी याहू अब इतिहास बनने की तैयारी में है. कभी गूगल और फेसबुक को खरीदने की योजना बनाने वाली याहू आज खुद बिकने की कगार पर आ चुकी है. याहू के कोर बिजनेस का खरीदार लगभग तय हो चुका है. दिग्गज अमेरिकी दूरसंचार कंपनी वेराइजन इसे पांच अरब डॉलर (लगभग 33,574 करोड़ रुपये) में खरीदने जा रही है. सोमवार को खरीद समझौते पर मुहर लगते ही याहू अब सिर्फ यादों में ही रह जाएगी.

याहू की खरीदार वेराइजन, याहू की तकनीक से अपने एओएल इंटरनेट व्यवसाय को नई ऊंचाई तक ले जाने की योजना में है. वेराइजन ने पिछले साल ही 4.4 अरब डॉलर (29,545 करोड़ रुपये) में एओएल को खरीदा था. याहू के विज्ञापन टूल का इस्तेमाल दुनिया में तेजी से बढ़ते इंटरनेट व्यवसाय के लिए किया जाएगा. वेराइजन के लिए सर्च इंजन, ई-मेल, मैसेंजर आदि भी मददगार साबित होंगे. खरीदी की प्रक्रिया पूरी होते ही याहू का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.

बताया जा रहा है कि याहू और वेराइजन के प्रतिनिधियों के बीच तकरीबन पांच अरब डॉलर पर विचार विमर्श चल रहा है. इस खबर से याहू के शेयर में 0.6 फीसद, जबकि वेराइजन के शेयर में 1.3 प्रतिशत तक का उछाल आया. हालाँकि दोनों कंपनियों की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है.

बता दें कि याहू की स्थापना प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के दो छात्रों जेरी यांग और डेविड फिलो ने वर्ष 1994 में की थी. शुरुआत में विश्व भर के लोग याहू के प्लेटफॉर्म से ही इंटरनेट की दुनिया में कदम रखते थे. याहू कुछ ही वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी बन गई थी. वर्ष 2008 में माइक्रोसॉफ्ट ने इसे खरीदने की कोशिश की थी तब याहू ने नए मिशन के तहत इससे इन्कार कर दिया था.

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