कृत्रिम सुख के बजाये ठोस उपलब्धियों को दे प्राथमिकता : ऐ पी जे अब्दुल कलाम
कृत्रिम सुख के बजाये ठोस उपलब्धियों को दे प्राथमिकता : ऐ पी जे अब्दुल कलाम
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नई दिल्ली. जब भी हिन्दुस्तान के सबसे सफल और लोकप्रिय राष्ट्रपतियों की बात की जाती है तो सबसे पहले जो नाम सामने आते है उनमे से एक है भारत के 11वें राष्ट्रपति  ऐ पी जे अब्दुल कलाम.  ऐ पी जे अब्दुल कलाम को लोग मिसाइल मेन के नाम से भी जानते है. उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को और मृत्यु 27 जुलाई 2015 को हुई थी . 

 ऐ पी जे अब्दुल कलाम तक़रीबन चार दशकों तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में बतौर वैज्ञानिक अपनी सेवाएं दे चुके है. उन्होंने देश में  विज्ञान के व्यवस्थापक के रूप में भी काफी काम किया है. आगामी सोमवार याने 15 अक्टूबर को उनका जन्मदिन आ रहा है. आइये उनके जन्मदिन पर हम आपको उनके कुछ प्रेरणादायक विचारों से रूबरू करवाते है.

ए पी जे अब्दुल कलाम : मैं एक लीडर को डिफाइन करता हूँ।

-कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये

-मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि कुछ चीजे नहीं बदल सकती 

-जीवन एक कठिन खेल है. आप एक व्यक्ति होने के अपने जन्मसिद्ध अधिकार को बनाये रखकर इसे जीत सकते है .

-महान शिक्षक ज्ञान, जूनून और करुणा से निर्मित होते है. 

-शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, फिर चाहे वो माउंट एवेरेस्ट का शिखर हो या फिर आपके पेशे का  

 

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