लखनऊ। नगर विकास मंत्री आजम खान द्वारा कहा गया कि दादरी हिंसा के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर निशाना साधा गया। जिसमें कहा गया कि उन्होंने गौमांस के कारोबार और इसे खाने वाले के विरूद्ध कड़ा कानून बनाने की मांग की है। इस दौरान कहा गया कि गौमांस के 90 प्रतिशत कारोबार में हिंदू संगठनों के नेताओं और जैन समाज के लोगों द्वारा ही कारोबार किया जाता है। इस कारोबार में करीब 90 प्रतिशत व्यवसाय तो वही करते हैं जो इसका भक्षण नहीं करते लेकिन वे कारोबार करते हैं। दरअसल मांस विक्रय केंद्र इनके द्वारा ही चलाए जाते हैं।
इस मामले को लेकर एक श्वेत पत्र जारी किया गया। इस तरह की मांग भी की गई। मिली जानकारी के अनुसार नगर विकास मंत्री द्वारा दादरी के मामले में कहा गया कि प्रधानमंत्री को लेकर निशाना साधा गया। मंत्री आजम खान ने कहा कि प्रधानमंत्री देश में गौमांस भक्षण के मसले को तूल देकर और अन्य तरह की सांप्रदायिकता को तूल देकर गुलाबी क्रांति लाना चाहते हैं। इसकी भत्सर्ना करना जरूरी है। जो मंत्री दादरी मामले को दुर्घटना कह रहे हैं वह ठीक नहीं है।
सांप्रदायिकता भड़काने का प्रयास गलत है। इस तरह का कार्य नहीं किया जाना चाहिए। यह भी कहा गया कि गौमांस का कारोबार करने वालों के विरूद्ध कड़े कानूनों की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मसले पर लोकसभा के विशेष सत्र को निमंत्रण दे रहा है। गोमांस भक्षण करने वालों के साथ इसका कारोबार करने वालों के विरूद्ध कड़ी सजा दी जाना जरूरी है। गामांस सहित पशुओं के मांस का 90 प्रतिशत कारोबार भाजपा, विश्वहिंदू परिषद, आरएसएस और शिवसेना से संबंधित लोग कर रहे हैं। लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाना चाहिए।