8 साल की हिमप्रिया ने आतंकियों से की माँ और छोटी बहनों की रक्षा.., अब मिला राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
8 साल की हिमप्रिया ने आतंकियों से की माँ और छोटी बहनों की रक्षा.., अब मिला राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
Share:

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) पुरस्कार विजेताओं के साथ संवाद किया है. ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के माध्यम से वर्ष 2022 और 2021 के PMRBP पुरस्कार विजेताओं को डिजिटल प्रमाणपत्र दिए गए. PMRBP पुरस्कार जीतने वालों में 12 वर्षीय गुरुगु हिमप्रिया का भी नाम शामिल है, जिन्होंने 2018 में एक आतंकी हमले के दौरान अपनी मां और दो छोटी बहनों की जान बचाई थी. उस वक़्त हिमप्रिया की उम्र महज 8 साल थी. उन्हें इस बहादुरी के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. 

हिमप्रिया अपने पिता हवलदार गुरुगु सत्यनारायण, माता पद्मावती और बहनों रिशिता और अवंतिका के साथ जम्मू-कश्मीर के सुंजवान में सेना के आवासीय क्वार्टर में रहती थीं. इस बीच 10 फरवरी, 2018 को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दहशतगर्दों ने शिविर पर हमला किया था. हमले के वक़्त सत्यनारायण उधमपुर में ड्यूटी पर तैनात थे. एक आतंकी को क्वार्टर में घुसते देख पद्मावती ने खुद को और अपनी तीन बेटियों को बेडरूम के अंदर बंद कर लिया. जो कुछ भी उन्हें नज़र आया, उसे उसे दरवाजे के सामने रख दिया. इस दौरान पद्मावती और 8 वर्षीय हिमप्रिया ने आतंकी को तीन घंटे से अधिक देर तक कमरे में घुसने से रोक रखा. हालांकि आतंकवादी ने कमरे के भीतर एक हथगोला फेंककर घुसने का प्रयास किया, जिससे पद्मावती बुरी तरह जख्मी हो गईं.

लेकिन, हिमप्रिया ने अपनी मां और बहनों को सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष जारी रखा. उसने दरवाजा खोला और लगभग एक घंटे तक आतंकी से बातचीत कर निगोशिएट करती रही. दृढ़ निश्चयी बच्ची ने अंततः आतंकी को अपनी जख्मी और बेहोश मां को अस्पताल ले जाने के लिए मना लिया. इसके बाद वह एक सुरक्षित दूरी पर पहुंची, जहां से उसने आर्मी को अलर्ट कर दिया. बच्ची की सूचना मिलने पर सेना हरकत में आ गई और आतंकियों का खात्मा किया. सेना ने बाद भी हिमप्रिया के हौसले को सराहा.

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से PM ने किया संवाद, कहा- अब आपकी जिम्मेदारी बढ़ गई

'जेल में हो सकती है मेरे अब्बू की हत्या..', पिता मुख़्तार अंसारी से मिलने के बाद बोला बेटा उमर

'बेटे भाग्य से होते हैं और बेटियां सौ-भाग्य से', अपनी बेटी को भेजे यह शायरियां

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -