45 साल बाद पंजाब में बड़ी संख्या में खाली हो रहे गाँव, 8 लाख लोग हटे
45 साल बाद पंजाब में बड़ी संख्या में खाली हो रहे गाँव, 8 लाख लोग हटे
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गुरुदासपुर /बाड़मेर - पीओके में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पंजाब में 1971 की जंग के बाद हालात बदले हुए हैं सीमा इलाके के 6 जिलों से लोगों का पलायन जारी है. 1000 से ज्यादा गांवों के कुल 8.66 लाख लोगों ने नए ठिकाने इसलिए ढूंढ लिए हैं,अमृतसर में गांववालों द्वारा सेना के साथ बंकर में रात गुजारने की भी जानकारी मिली है.

उधर, .सीमा के दोनों तरफ तनाव लगातार बढ़ रहा है.सीमा पार पाकिस्तान सेना की 5 बटालियन एलओसी की ओर जा रही हैं. जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.बॉर्डर पर ब्लैकआउट है. सीमा पर फेंसिंग की मरम्मत के काम को भी रोक दिया गया है. दोनों ओर 10 किमी के दायरे में रहने वाले लोग अपना घर छोड़ रहे हैं.सीमा से सटे पंजाब के एक हजार गांव खाली हो चुके हैं.अमृतसर जिले के 'चक अल्लाह बख्स गांव' में लोगों ने सेना के बंकर में रात गुजारी है.

एक ओर फिरोजपुर, फाजिल्का, तरनतारण, पठानकोट व गुरदासपुर में लगे राहत शिविरों का वरिष्ठ अधिकारी जायजा ले रहे हैं.वहीँ दूसरी ओर पंजाब में बॉर्डर पर 987 गांवों को खाली कराने का आदेश देने के बाद भी बॉर्डर के कुछ गांव के लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं.

ममदोट सेक्टर में फेंसिंग से सटे गांव 'चक्क दोना रहीमे' के और गट्टी मस्ता में शुक्रवार को अलग नज़ारा दिखा यहां किसी के चेहरे पर जंग का खौफ नहीं दिखा.महिलाएं बॉर्डर पर कंटीली तार के पास खेती करती नजर आई. 267 स्कूलों पर ताले लग गए हैं.किसी को बॉर्डर एरिया में आने की इजाजत नहीं है. सरकारी व्यवस्था के अलावा तीन दर्जन गुरुद्वारों में दिन- रात लंगर चल रहा है .

उधर, राजस्थान के बाड़मेर से सटे 227 किमी. के बॉर्डर इलाके के 100 से अधिक गांवों में धारा 144 लागू है रात के समय यहां कर्फ्यू से हालात है. यहां कुछ गाँव तो तारबंदी से सिर्फ 50 मीटर दूर हैं. यहां के लोग गांव छोड़ने को तैयार नहीं हैं. हालांकि सेना इलाके की सुरक्षा में मुस्तैद है.उधर ,शुक्रवार को थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान जा रहे कुछ पाकिस्तानी यात्रियों ने आतंकियों पर कार्रवाई को जायज ठहराया है.

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