75% इंजीनियरिंग छात्र कक्षाओं में नहीं जाते-  डी सहस्रबुद्धे (सीईओ)
75% इंजीनियरिंग छात्र कक्षाओं में नहीं जाते- डी सहस्रबुद्धे (सीईओ)
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जयपुर : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चैयरमेन अनिल डी सहस्रबुद्धे ने देश के इंजीनियरिंग कॉलेजो के पाठ्यक्रम और खाली रहती सीटों पर कहा की यदि जल्द ही कदम न उठए गए तो कॉलेज सिर्फ साइंस और स्किल प्रोग्राम वाले कॉलेज ही बनकर रह जाएंगे. हायर एजुकेशन एंड ह्यूमन रिसोर्स कॉन्क्लेव’ के उदघाटन सत्र के मौके पर बात करते हुए उन्होंने उक्त बात कही. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि आजकल छात्र सिर्फ 75 फीसदी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कक्षाओं में जाते है. जबकि सिलेबस ऐसा हो की छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए कक्षाओं में जाएं, ना कि सिर्फ अपनी उपस्थिति पूरी करने के लिए.

सहस्त्रबुद्धे ने राजस्थान सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की गुरू-शिष्य संवाद करने के अभियान की सराहना भी की. गौरतलब है की कुछ समय पहले इंडस्ट्रियल सेक्टर से आई खबरों में भी कॉलेजो की शिक्षा पद्धति पर प्रश्न उठाये थे. एक रिपोर्ट के अनुसार देश भर के कॉलेजो में श्रेष्ठ इंजीनियर नहीं बन पा रहे जो आगामी दिनों में इंडस्ट्रियल सेक्टर के लिए बुरी खबर है.

आपको बता दे कि अकेले राजस्थान में इस चालू शिक्षा सत्र में 32 हजार से ज्यादा इंजीनयरिंग की सीटें खाली रही है, इसके अलावा देशभर में 1 लाख से ज्यादा सीटें खाली रही है.

 

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