शिमला: जहरीली शराब मामले में हिमाचल प्रदेश की सरकार ने जीरो टोलरेंस की नीति अपना रखी है. तीन एक्साइज इंस्पेक्टरों को सस्पेंड करने के बाद अब सरकार ने सहायक आयुक्त राज्य और आबकारी पर भी ड्यूटी में लापरवाही का ठीकरा फोड़ दिया है. सरकार ने चार असिस्टेंट कमिश्नर एक्साइज की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजे हैं. जिस के बाद इन चारों वरिष्ठ अधिकारियों को जल्द ही अपना जवाब देने के लिए कहा गया है.
जिन चार अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी हुए हैं, उनमें मंडी जिले के दो, जबकि हमीरपुर और कांगड़ा जिले का एक-एक असिस्टेंट कमिश्नर शामिल हैं. बता दें कि यदि अफसरों के जवाब से सरकार संतुष्ट नहीं हुई तो सरकार इन चार असिस्टेंट कमिश्नरों को भी सस्पेंड कर सकती है. इससे पूर्व राज्य सरकार ने हमीरपुर के एक्साइज इंस्पेक्टर राजेश कुमार और कांगड़ा के दो एक्साइज इंस्पेक्टरों राम कुमार और राजीव को अपनी ड्यूटी का ठीक तरीके से निर्वहन न करने पर निलंबित कर उनकी शिमला हेडक्वार्टर में तैनाती की है. अब असिस्टेंट कमिश्नर पर भी कार्रवाई हो सकती है.
बता दें कि जनवरी में मंडी जिले में जहरीली शराब के सेवन से सात लोगों की जान चली गई थी. इस मामले की जांच के लिए सरकार ने SIT गठित की थी. गठन के तुरंत बाद SIT ने हमीरपुर जिला के पन्याला में छापेमारी करते हुए अवैध शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था. SIT ने यहां 515 से ज्यादा शराब की पेटियां बरामद कर एक दर्जन आरोपियों को अरेस्ट किया था. इसके साथ ही SIT ने हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा और सोलन जिले में भी बड़ी मात्रा में अवैध शराब जब्त कर इस मामले में संलिप्त आरोपियों को अरेस्ट किया है.
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