छत्तीसगढ़ में 7 खूंखार नक्सलियों का सरेंडर, मुठभेड़ में भारी गोला-बारूद बरामद

छत्तीसगढ़ में 7 खूंखार नक्सलियों का सरेंडर, मुठभेड़ में भारी गोला-बारूद बरामद
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रायपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान को बड़ी सफलता मिली है, जब सात नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें एक महिला भी शामिल है। इस घटना से राज्य सरकार की नक्सलवाद उन्मूलन और पुनर्वास नीति की सफलता का संकेत मिलता है, खासकर “नियद नेल्ला नार” योजना के तहत। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में विभिन्न मिलिशिया समूहों के सदस्य थे, जिनमें आरपीसी मिलिशिया, ईरपा मिलिशिया और डीएकेएमएस जैसे संगठनों से जुड़े लोग शामिल थे। इन नक्सलियों ने सीआरपीएफ और नक्सल सेल के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने बिना हथियार आत्मसमर्पण किया और अब इन्हें पुनर्वास नीति के तहत सहायता और सुविधाएं दी जाएंगी।

इसके अलावा, सुकमा जिले के करकनगुड़ा और भीमापुरम क्षेत्रों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच एक मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ 4 दिसंबर को हुई, जब सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम नक्सल गश्त और सर्चिंग अभियान पर थी। मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया, जिसके बाद लगभग 20-25 मिनट तक दोनों ओर से गोलीबारी हुई। नक्सलियों ने जंगल और पहाड़ियों का सहारा लेकर भागने की कोशिश की। सर्चिंग के दौरान सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और नक्सली सामग्रियां बरामद कीं, जो यह संकेत देती हैं कि नक्सली सुरक्षा बलों पर बड़ा हमला करने की योजना बना रहे थे। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में भी एक मुठभेड़ के दौरान डीआरजी जवान प्रधान आरक्षक बिरेंद्र कुमार सोरी ने वीरगति प्राप्त की। वह कांकेर जिले के नरहरपुर के निवासी थे। उनका बलिदान नक्सलवाद उन्मूलन अभियान की चुनौतियों को फिर से उजागर करता है।

राज्य सरकार की नक्सलवाद उन्मूलन और पुनर्वास नीति के तहत नक्सलियों का आत्मसमर्पण एक सकारात्मक संकेत है। यह दिखाता है कि नक्सली अब समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए तैयार हैं। इन नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी, जिससे वे अपने जीवन को नए सिरे से शुरू कर सकेंगे। सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे सर्च और गश्त अभियान से नक्सलियों पर दबाव बढ़ रहा है, और इस तरह की आत्मसमर्पण घटनाएं और मुठभेड़ की सफलताएं इस बात का संकेत हैं कि नक्सलियों की ताकत में कमी आई है। राज्य सरकार और सुरक्षा बलों की प्रतिबद्धता के साथ, यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और स्थिरता स्थापित होगी।

 

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