ज्ञान हमें शक्ति देता है और प्रेम परिपूर्णता.... पढ़िए डॉ राधाकृष्णन के 6 अनमोल सुविचार
ज्ञान हमें शक्ति देता है और प्रेम परिपूर्णता.... पढ़िए डॉ राधाकृष्णन के 6 अनमोल सुविचार
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नई दिल्ली: प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी 5 सितंबर को देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक जाने मने दार्शनिक और शिक्षाविद थे। यह शिक्षा के बड़े पक्षधर रहे हैं। यही नहीं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने देश-विदेश में भी भारतीय संस्कृति का जमकर प्रचार किया। आज उनकी जयंती पर हम आपके लिए लेकर आए हैं, उनके ऐसे 6  सुविचार जो आपके जीने का नजरिया बदल देंगे। 

1. हिन्दू धर्म सिर्फ एक आस्था नहीं है। यह तर्क और अन्दर से आने वाली आवाज का समागम है जिसे सिर्फ अनुभव किया जा सकता है परिभाषित नहीं।

2. पुस्तकें वह साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं।

3. यदि मानव दानव बन जाता है तो ये उसकी हार है, यदि मानव महामानव बन जाता है तो यह उसका चमत्कार है। यदि मनुष्य मानव बन जाता है तो उसकी यह जीत है।

4.   भगवान् हम सबके भीतर रहता है, महसूस करता है और कष्ट सहता है, और समय के साथ उसके गुण, ज्ञान, सौन्दर्य और प्रेम हममें से हर एक के अन्दर उजागर होंगे.

5. ज्ञान हमें शक्ति देता है, प्रेम हमें परिपूर्णता देता है।

6. शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें।

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