तिरुवनंतपुरम: केरल के तट पर 52 दिन का प्रतिबन्ध रविवार मध्यरात्रि से शुरू होगा, जिसमें लगभग 5,000 मछली पकड़ने वाले जहाजों (ट्रॉलर) को तट के पास रहने से रोक दिया जाएगा क्योंकि इनकी उपस्थिति से मछलियों की प्रजनन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है। अधिकारी ने जानकारी देते हुए कि, "इन नियमों का उल्लंघन वाली किसी भी नाव पर 2 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।"
हालांकि, 1988 के बाद से हर साल लगाए जाने वाला यह प्रतिबंध पारंपरिक मछुआरों पर प्रभावी नहीं होगा। प्रदेश सरकार के एक मत्स्य अधिकारी ने प्रेस वालों से बात करते हुए कहा है कि तटीय जल में मछली पकड़ने वालों (ट्रॉलरों) पर बैन लगा दिया गया है। यह वह वक़्त है जब मछलियां प्रजनन करती हैं और उस प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी समुद्री धन को तबाह करती है।
तटीय प्रदेश केरल में प्रतिबंध के परिणाम स्वरूप मछली की कीमत बढ़ जाएगी। केरल में 200 से ज्यादा गांव समुद्र में मछली पकड़ने का काम करते हैं। यहां सात लाख से ज्यादा मछुआरे रहते हैं। आपको बता दें कि केरल की आमदनी का मुख्य स्त्रोत मछलियों पर ही निर्भर करता है, जिसके चलते यहाँ की सरकार इसके लिए समय समय पर उचित कदम उतरी रहती है।
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