भुवनेश्वरः नदी, धरती हो या समुद्र, प्रकृति की गोद में कई ऐतिहासिक धरोहरें समाई हुई है. कभी किसी जमाने में समृद्धि का प्रतीक रहे देवस्थान या कोई महत्वपूर्ण स्थल देश-काल परिस्थिति में या तो भूगर्भ में समा गया या फिर समुद्र की तहों में जा छिपा, लेकिन वक़्त के साथ इनकी छाप नज़र आ ही जाती है. ओडिशा के एक जिले में ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है. यहां एक प्राचीव भगवान विष्णु का मंदिर जो नदी में समा गया था, अचानक ही समूचा लहरों से ऊपर नज़र आया है.
जानकारी के अनुसार राज्य के नयागढ़ स्थित पद्मावती नदी के पास के गांवों में यह घटना चर्चा का विषय बनी है. आसपास रहने वाले लोगों ने जब उन्होंने नदी के अंदर लहरों से टकराते एक सशक्त और भव्य लगने वाली इमारत को देखा तो आश्चर्यचकित रह गए. छानबीन करने पर पता चला कि इस इमारत का हिस्सा एक समूचा मंदिर था. जो कि भगवान विष्णु को समर्पित था. इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) के अनुसार, यह मंदिर लगभग 500 साल पुराना है.
पुरातत्वविदों की टीम ने मीडिया को बताया कि इस मंदिर को उन्होंने ही खोजा है और इस मंदिर की बनावट को देखने से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह 15वीं या 16वीं सदी का होगा. इस मंदिर में गोपीनाथ (भगवान विष्णु) की मूर्ति स्थापित थी, जिसे गांव के लोग अपने साथ ले गए थे. इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज की पुरातत्वविदों की टीम का कहना है कि ओडिशा के नयागढ़ स्थित बैद्येश्वर के पास महानदी की शाखा पद्मावती नदी के बीच मंदिर का मस्तक स्पष्ट दिखाई दे रहा है.
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