समस्तीपुर: बिहार के सिवान जिले में पुलिस लाइन से हथियार व कारतूस गायब होने की खबर अभी ठंडी नहीं पड़ी थी कि समस्तीपुर शस्त्रागार से चार हजार कारतूस गायब होने की खबर ने इलाके में सनसनी फैला दी है. समस्तीपुर पुलिस लाइन के शस्त्रागार में मौजूद हथियारों और कागज पर मौजूद एंट्री में मेल नहीं खा रहे है और ये फर्क चार हजार कारतूस तक भी है. मामला उजागरहोने पर मुफस्सिल थाना में एफआइआर दर्ज की है. अनियमितता वर्ष 1999 से जारी है और अब सब की आँख खुल रही है आनन फानन में मेजर, दो सेवानिवृत्त सूबेदार सहित 12 लोगों को तलब किये जाने की संभावना है .
वर्तमान पुलिस अधीक्षक ने पुलिस लाइन में निरीक्षण कर इस तरह का मामला उजागर किया है. मामले की जांच कर रही कमेटी बनायी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कारतूस गायब होने का यह खेल वर्ष 1999 से ही जारी था. यह 2000, 2001, 2004, 2013 एवं 2016 तक निर्बाध गति से चलता रहा. इन वर्षों में अभी तक चार हजार कारतूस का पता नहीं चल पाया.
अब इस पर आम जनता प्रशासन को घेर रही है और सोशल मीडिया के ज़माने में खबर की खिल्ली उड़ाई जा रही है . इस बाबत आम लोगों ने तंज कसा कि शराबबंदी के दौर में जब पुलिस मालखाने में रखी शराब चूहे पी गए तो अब कारतूस क्यों नहीं खा सकते. समस्तीपुर निवासी तथा दिल्ली विवि के छात्र संतोष कुमार तथा पटना विवि के छात्र रंजन पटेल ने कहा कि शायद इस बार भी पुलिस खुद को बचने के लिए कोई 'चूहा' खोज ले. मामले की जांच जारी है और कई पुराने अधिकारी इसके लपेटे में आ सकते है
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