Sep 19 2015 05:12 PM
नई दिल्ली: भारत में वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि भारत में करीब 35-40 प्रतिशत बाघ संरक्षित क्षेत्र से बाहर रह रहे हैं. बाघों के रहने के ठिकाने लगातार सिकुड़ते जा रहे हैं. इन आंकड़ों पर गौर करे तो बाघों की गणना के मुताबिक 2013 में हुई गणना में बाघों की संख्या 1706 थी. तथा 2014 में हुई बाघों की गणना के अनुसार इनकी संख्या 2226 थी. दरअसल संरक्षित क्षेत्र से जंगल से बाहर निकलने पर बाघ मानव या उसके पालतू पशुओं पर हमला कर देते हैं.
इसकी एक प्रमुख वजह है की भारत में जंगलों को लगातार विकास के नाम पर काटा जा रहा है। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा की जंगलों की लगातार खराब हो रही क्वालिटी भी इसका एक कारण है कि बाघ संरक्षित क्षेत्र से बाहर निकलने को मजबूर रहे हैं. इनके कारण भारतीय बाघों को अपने भोजन की समस्याओ से जूझना पड़ रहा है. व सरकार कहती है की भारत में बाघों की संख्या तो बड़ रही है परन्तु बाघ संरक्षित क्षेत्र से बाहर निकलने पर मजबूर हो रहे है.
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