अगरतला: NPCC के अपहृत तीन मजदूरों की रिहाई के ठीक अगले ही दिन प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) के चार उग्रवादियों ने यहां राज्य के पुलिस महानिदेशक वी एस यादव के सामने हथियारों के साथ सरेंडर कर दिया। यादव ने प्रेस वालों से कहा कि सरेंडर करने वाले उग्रवादियों ने दो एके 56 राइफल, एक एके बायोनेट, चार एके मैगजीन, 119 एके गोलियां, एक वायरलेस हैंडसेट और डेढ़ लाख म्यांमार की नगदी (क्यात) भी पुलिस के सुपुर्द कर दी।
इन उग्रवादियों के नाम रथाम कालोई और जॉय सधान जमैता (दोनों गोमती जिला), मधु रंजन नोआतिया (दक्षिण त्रिपुरा) तथा कुक्लिया त्रिपुरा (धलाई जिला) बताए जा रहे हैं। यादव ने बताया कि सरेंडर करने वाले उग्रवादियों ने पूछताछ के दौरान खुलासा करते हुए बताया कि नवंबर 2018 से जनवरी 2019 के बीच NLFT के विश्व मोहन गुट के सरेंडर कर चुके तीन उग्रवादियों समेत 17 नेताओं एवं कैडरों को पूर्वोत्तर के अन्य उग्रवादियों के साथ म्यांमार के तग्गा स्थित कांग्लेई योल कन्ना लुप शिविर में विशेष ट्रेनिंग दी गई थी।
उन्होंने दावा किया कि सरेंडर करने वाले उग्रवादियों ने कहा है कि त्रिपुरा की आज़ादी की लड़ाई पूरी तरह झूठा है और इससे राज्य के स्वदेशी लोगों के समग्र विकास और बेहतर भविष्य की कोई संभावना नहीं है। इसके साथ ही उग्रवादियों ने कहा कि NLFT गंभीर वित्तीय और संगठनात्मक संकट से गुजर रहा है, जिसने उन्हें मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
पेट्रोल-डीजल की कीमत में क्या हुआ बदलाव, यहाँ जानें आज के भाव
2021 में फिर से बढ़ सकता है रियल एस्टेट में निजी इक्विटी निवेश
सरकार ने डिश टीवी को भेजा डिमांड नोटिस, 4,164.05 करोड़ रूपये का करें भुगतान