नई दिल्ली: पड़ोसी मुल्क म्यांमार में हुए तख्ता-पलट के बाद लगभग 300 शरणार्थी भारत पहुंचे हैं. खास बात ये है कि इन शरणार्थियों में 150 म्यांमार पुलिस के जवान है, जो मिलिट्री-जुंटा (शासन) की खिलाफत कर रहे हैं और नागरिकों के आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं. तख्तापलट के बाद से ही सैन्य-शासन ने म्यांमार को पूरे विश्व के लिए बंद कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार बॉर्डर की निगरानी करने वाली बॉर्डर ग्राडिंग फोर्स, असम राईफल्स द्वारा शरणार्थियों के मिजोरम में दाखिल होने के बाद भारत-म्यांमार सीमा को पूरी तरह सील कर दिया गया है. दरअसल, सैन्य तख्ता-पलट के बाद से ही पड़ोसी देश म्यांमार ने अपने दरवाजे बाकी दुनिया के लिए बंद कर दिए हैं. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की आड़ में म्यांमार की मिलिट्री-जुंटा किसी भी बाहरी मीडिया को अपने देश में प्रवेश नहीं दे रही है.
स्थानीय मीडिया से जो खबरें सामने आ रही हैं उसके अनुसार, म्यांमार की जनता सैन्य शासन का विरोध कर रही है. लोगों ने सेना के खिलाफ सिविल डिस-ओबिडियेंस मूवमेंट आरंभ कर दिया है. सेना किसी भी कीमत पर इस आंदोलन को दबानी चाहती है. वहीं, म्यांमार पुलिस भी जनता के इस आंदोलन को सपोर्ट कर रही है. ऐसे में सेना और पुलिस के बीच टकराव की खबरें भी आ रही हैं.
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