रक्षा सौदों को राजनीतिक ईमानदारी 25 फीसदी सस्ता कर सकती है
रक्षा सौदों को राजनीतिक ईमानदारी 25 फीसदी सस्ता कर सकती है
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नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने डेढ़ साल से भी अधिक की मशक्कत के बाद नई रक्षा खरीद नीति को मंजूरी मिलने के साथ ही मुंबई में मेक इन इंडिया के एक प्रोग्राम में भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने दोहराया है की मेक इन इंडिया में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने की बात कही. भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इसमें कहा कि रक्षा खरीद परिषद् की एक बैठक में भारत की नई खरीद नीति को मंजूरी दे दी है. 

उन्होंने कहा कि इस रक्षा खरीद नीति के पहले दो अध्यायों में व्यापक फेरबदल किया गया है और इसमें सरकार की महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया नीति पर जोर के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने, स्वदेशी डिजायन, क्षमताओं के विकास, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और लघु, मझोले तथा सूक्ष्म उद्योगों की रक्षा क्षेत्र में हिस्सेदारी बढ़ाने को खासा महत्व दिया गया है.

इस दौरान पर्रिकर ने कहा कि सेना के लिए जरूरी सामान के टेंडर निकाले गए है. तथा इस टेंडर के भरने वालो को बीस से पचास फीसदी रेट के टेंडर भरे गए है. पर्रिकर ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि अगर सिस्टम में राजनितिक ईमानदारी को बरती जाए तो बिना गुणवत्ता से समझोता किये ही भारतीय सेना के अच्छे साजो सामान  कम पैसे में भी खरीदे जा सकते है.             

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