अब शहीदों के वंशजो को देश निकाला !
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दिसपुर. असम में जब से NRC की नई लिस्ट में 40 लाख लोगो के नाम शामिल ना होने मामला सामने आया है तभी से NRC का मुद्दा विवादों के घेरे में है। NRC पर पूरे देश में राजनीति गरमा रही है। कई बड़े-बड़े नेता इस मुद्दे पर तरह-तरह के बयान दे रहे है। यहाँ तक कि NRC के विरोध में सदन में हंगामा होने की वजह से दो बार राज्यसभा को स्थगित भी किया जा चुका है। 

अब NRC को लेकर एक और मामला सामने आया है। दरअसल हाल ही में पता चला है कि असम में रह रहे 25 लाख गोरखाओं में से तक़रीबन एक लाख के नाम इस सूचि में शामिल नहीं है। यह खबर इन गोरखाओं के लिए एक सदमे की तरह ही है। दरअसल गोरखा उन हिन्दुस्तानियों को कहते है जो नेपाली भाषा बोलते है। इन लोगो को नेपाली-इंडियन भी कहां जाता है।  असम में  NRC की नई लिस्ट में गोरखाओं के नाम नहीं होना  बेहद दुःखद खबर है क्योंकि इनमे से कई लोग असम राइफल सेना के शहीदों के वंसज भी हैं। 

इन गोरखाओं का अब सरकार से सवाल है कि हम लोगो ने इतने सालो तक देश की सेवा की है, हमारे पूर्वज देश के लिए शहीद भी हुए है, लेकिन इसकी हमें ऐसी कीमत क्यों चुकानी पड़ रही है? पुरे देश में इस मामले को लेकर  हैरानी है कि जिनके परिजन भारत की सेना में शामिल है, और जिनके पूर्वज देश के लिए अपनी  भी कुर्बान कर चुके है आखिर उनका नाम अवैध भारतीयों में कैसे शामिल किया जा सकता है। 

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