जम्मू: हाल ही में कश्मीर में सीआरपीएफ पर ग्रेनेड हमला करने वाले एक शख्स को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया, जिसके बाद उसे रिहा कर दिया गया. अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ एक भी सबूत पेश नहीं कर सका. हालांकि रिहाई के लिए आरोपी को 13 सालों का लंबा इंतजार करना पड़ा. 24 मई 2006 को बड़गाम में सीआरपीएफ की 164 बटालियन पर हमला हुआ था. श्रीनगर के नूरबाग इलाके में रहने वाला मुश्ताक अहमद इस हमले का मुख्य आरोपी था. बीते मंगलवार को श्रीनगर जिला कोर्ट के तृतीय अतिरिक्त जज तसलीम आरिफ ने मुश्ताक अहमद के मामले पर सुनवाई की.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस केस के मुताबिक अज्ञात आतंकियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया था. सीआरपीएफ जवान कमरवारी चौक पर ड्यूटी कर रहे थे. तभी अज्ञात हमलावरों ने उनपर हमला कर दिया. इस हमले में कई सीआरपीएफ जवान घायल हुए थे और कुछ राहगीर भी इसकी चपेट में आ गए थे. इस मामले की जांच में मुश्ताक का नाम सामने आया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद जज ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने वाले हर मोर्चे पर फेल हुआ है. वह ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर सका, जिससे यह साबित हो कि आरोपी हमले में शामिल था. ऐसे में इस केस को बर्खास्त करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. इसलिए, कोर्ट आरोपी को दोषमुक्त करती है.
भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व एसई और दो एक्सईएन समेत चार बरी: यदि कैट आई स्टड्सहाल ही में कश्मीर में सीआरपीएफ पर ग्रेनेड हमला करने वाले एक शख्स को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया, जिसके बाद उसे रिहा कर दिया गया. अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ एक भी सबूत पेश नहीं कर सका. हालांकि रिहाई के लिए आरोपी को 13 सालों का लंबा इंतजार करना पड़ा. 24 मई 2006 को बड़गाम में सीआरपीएफ की 164 बटालियन पर हमला हुआ था. श्रीनगर के नूरबाग इलाके में रहने वाला मुश्ताक अहमद इस हमले का मुख्य आरोपी था. बीते मंगलवार को श्रीनगर जिला कोर्ट के तृतीय अतिरिक्त जज तसलीम आरिफ ने मुश्ताक अहमद के मामले पर सुनवाई की.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस केस के मुताबिक अज्ञात आतंकियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर हमला किया था. सीआरपीएफ जवान कमरवारी चौक पर ड्यूटी कर रहे थे. तभी अज्ञात हमलावरों ने उनपर हमला कर दिया. इस हमले में कई सीआरपीएफ जवान घायल हुए थे और कुछ राहगीर भी इसकी चपेट में आ गए थे. इस मामले की जांच में मुश्ताक का नाम सामने आया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.
भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व एसई और दो एक्सईएन समेत चार बरी: रात के समय सड़कों पर स्पीड ब्रेकर पर चमकने वाले साइन की अधिक मूल्य पर खरीदारी के मामले में अदालत ने मंगलवार को आरोपी पूर्व एसई और दो एक्सईएन समेत चार लोगों को बरी कर दिया. अभियोजन पक्ष वर्ष 2004 के इस मामले में आरोपियों के खिलाफ केस साबित नहीं कर सका. एंटी करप्शन कोर्ट के स्पेशल जज वाईपी बोरने ने मामले पर सुनवाई के दौरान दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित नहीं कर सका. खरीदारी और टेंडर में किसी तरह के हेरफेर के पुख्ता सबूत नहीं हैं. यह कहीं साबित नहीं होता कि अधिक रेट पर खरीद हुई है.
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