नई दिल्ली : भारत की पवित्र नदी गंगा को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए शुरु किए गए नमामि गंगे के तहत आज देश भर में 231 परियोजनाओं की शुरुआत की जा रही है। इसमें नदीं को साफ करने के लिए एसटीपी संयंत्र स्थापित करने की भी योजना शामिल है। बुधवार को केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने इस संबंध में जानकारी दी।
उन्होने बताया कि इन परियोजनाओं को उतराखंड, उतर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियामा और दिल्ली में शुरु किया जा रहा है। इसमें घाट का नवीनीकरण, जलमल शोधन यंत्र स्थापित करना, वृक्षारोपण एवं जैव विविधता संरक्षण भी शामिल है। शुरुआत में यह परियोजना एक साथ 104 स्थानों पर सभी पांच गंगा बेसिन वाले राज्यों में शुरु की जाएगी।
उमा भारती ने बताया कि उतराखंड में 47 परियोजनाएं शुरु होगी। मुख्य कार्यक्रम हरिद्वार में आयोजित की गई है। उस दौरान उमा भराती के साथ यूके के मुख्यमंत्री हरीश रावत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, चौधरी बीरेंद्र सिंह, महेश शर्मा मौजूद करेंगे। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है।
उन्होने स्वीकारा कि पहली बार गंगा को साफ करने की दिशा में सार्थक प्रयास किए जा रहे है। उन्होने बताया कि योजना का प्रथम चरण अक्टूबर 2016 और दूसरा चरण अगले दो वर्षो में पूरा किया जाएगा। भारती ने बताया कि 20 परियोजनाएं पश्चिम बंगाल और बिहार में 26 परियोजनाएं शुरु की जा रही है, जब कि यूपी में 112 परियोजनाएं।
इस योजना के तहत गंगा के तट पर बसे 400 गांवो का भी विकास किया जाएगा । इन गांवों के 328 सरपंचो को पंजाब के सींचेवाल ले जाया गया, जहां उन्हें सींचेवाल की जानकारी दी गई। उमा ने बताया कि गंगा के किनारे 8 जैव विविधता संरक्षण केंद्रों का विकास किया जाएगा। ये केंद्र ऋषिकेश, देहरादून, नरोरा, इलाहाबाद, वाराणसी, भागलपुर, साहिबगंज और बैरकपुर में स्थापित किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशनाटी आधारित समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए राष्ट्रीय गंगा नदी प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले पांच राज्यों में प्रदूषण नियंत्रण, जलीय संसाधन संरक्षण और संस्थागत विकास परियोजनाओं को लागू करने का निरंतर प्रयास कर रहा है।