श्रीनगर : कश्मीर घाटी में पाकिस्तान किस कदर आतंकवाद और घुसपैठ का बढ़ावा देता है, यह बात जगजाहिर है। हालांकि सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण पाकिस्तान की हर चाल नाकाम साबित हो रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि घाटी में अब सक्रिय आतंकियों की तादाद केवल 217 रह गई है, जो बीते एक दशक में सबसे कम हैं।
पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए हर हथकंडे अपनाता है। हथियार ड्रग्स तक की तस्करी करता है और इसके लिए वह ड्रोन व सुरंगों का भी उपयोग करता है। हाल ही में सुरक्षा बलों ने कई ऐसी गुप्त सुरंगों का पता लगाया है, जो नियंत्रण रेखा (LoC) तक जाती है। सुरक्षा बलों ने बॉर्डर पार से आतंकियों को सहायता के लिए भेजी जाने वाली ड्रोन्स को भी मार गिराया है। कश्मीर घाटी में आतंकियों की उपस्थिति को लेकर चिनार कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के अनुसार, 'साल 2020 में आतंकियों की भर्ती नियंत्रण में रही है, खास तौर पर 2018 के मुकाबले। घाटी में इस समय मौजूद आतंकियों की तादाद 217 है, जो बीते एक दशक में सबसे कम है।'
उन्होंने बताया कि ड्रोन्स और सुरंगों के माध्यम से आतंकियों को हथियार व ड्रग्स पहुंचाने की पाकिस्तान की कोशिशों को नाकाम करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार्स का उपयोग किया जा रहा है, जिससे सुरंगों का पता लगाया जाता है।
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली ने चेताया, कहा- घरेलू राजनीति में बाहरी दखल मंजूर नहीं
घटे या बढ़ें पेट्रोल-डीजल के दाम ? यहाँ जानें आज के भाव
चीन बनाएगा गिलगित बाल्टिस्तान में 800 किमी लंबी नई सड़क, भारत ने की निंदा