खंडवा/ मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर बढ़ने के विरोध में लंबे समय से जल सत्याग्रह कर रहे किसानों ने अपना आंदोलन आज 21 वें दिन भी जारी रहा। हालांकि सरकार की ओर से तहसीलदार ने सत्याग्रहियों को समझौते का प्रस्ताव दिया था मगर इसे उन्होंने ठुकरा दिया।
अपने खेत, गांव, घरों को डूब क्षेत्र से दूर रखे जाने की मांग को लेकर ग्रामीण खंडवा क्षेत्र के घोघल गांव में नर्मदा नदी के जल में उतरे हुए हैं। इस अवधि में सत्याग्रहियों द्वारा लगातार पानी के बीच खड़े रहकर बांध का जलस्तर न बढ़ाने की मांग की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार अपनी मांग को लेकर सत्याग्रही जिस तरह से पानी में मोर्चा संभाले हुए हैं उससे उनकी त्वचा तक गलने लगी है। बुखार, खुजली आदि परेशानियां भी सत्याग्रहियों के सामने है लेकिन वे पानी में ही डटे हुए हैं।
इन बातों से सत्याग्रहियों का हौसला पस्त नहीं हुआ है। लगातार पानी के बीच खड़े इन आंदोलनकारी किसानों को वहीं पर उपचार दिया जा रहा है। तहसीलदार मुकेश काशिव ने किसानों के बीच सरकार का पक्ष रखा और उनसे विस्थापितों के लिए लैंड बैंक की जमीन उपलब्ध करवाने की व्यवस्था किए जाने का आश्वासन दिया लेकिन इस बात को सत्याग्रहियों ने ठुकरा दिया। इस पर प्रभावितों ने कहा कि लैंड बैंक की यह जीम अनउपजाउ है।
सर्वोच्च न्यायालय ने भी मामले में पुनर्वास की संभावना से इंकार किया है। विस्थापितों ने मांग की है कि सरकार जमीन खरीदकर उन्हें दे या फिर वर्तमान बाजार मूल्य पर कम से कम पांच एक़ जमीन खरीदे जाने की अनुमति दे दे जिससे उनका पुनर्वास हो पाए।