जन्माष्टमी के व्रत तिथि को लेकर है उलझन तो पढ़े यह खबर
जन्माष्टमी के व्रत तिथि को लेकर है उलझन तो पढ़े यह खबर
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जन्माष्टमी का त्यौहार सभी के लिए ख़ास होता है. ऐसे में इस त्यौहार के दिन श्री कृष्णा का पूजन किया जाता है और उनके पूजन को बहुत ख़ास माना जाता है. ऐसे में इस बार इस त्यौहार की डेट को लेकर खूब असमंजस बना हुआ है. ऐसे में इस बार इस व्रत को लेकर बहुत उलझन बनी हुई है और आप भी उलझन में है तो हम आपकी इस उलझन को खत्म कर देते हैं. जी दरअसल इस बार अष्टमी तिथि का आरंभ 23 तारीख को सुबह 8 बजकर 9 मिनट पर हो रहा है जबकि रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 24 तारीख की सुबह 3 बजकर 48 मिनट पर हो रहा है.

ऐसे में रोहिणी नक्षत्र व्यापिनी अष्टमी तिथि को ही जन्माष्टमी व्रत करना श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि श्रीमद्भागवत पुराण में कहा गया है कि श्रीकृष्ण का अवतार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और चंद्र के वृष राशि में संचार के दौरान आधी रात को हुआ था, लेकिन ऐसा संयोग इस साल नहीं बन रहा है. वहीं खबरों के मुताबिक इस तरह की स्थिति में व्रत को लेकर ज्योतिषों का कहना है कि जिस दिन मध्य रात्रि में अष्टमी तिथि होती है उसी दिन जन्माष्टमी का व्रत रखा जाता है.

जी हाँ, इसी के साथ धर्मसिंधु नामक पुस्तक के अनुसार ‘कृष्ण जन्माष्टमी निशिथ व्यापिनी ग्राह्या. पूर्व दिन एव निशीथ योगो पूर्वा. यानी जिस दिन रात में अष्टमी तिथि निशिथ व्यापिनी हो उस दिन ही जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहिए. आपको बता दें कि इस बार 23 तारीख को जन्माष्टमी का व्रत रखना सही रहेगा क्यूंकि यह वही तिथि है जिसमे व्रत रखा जा सकता है. इसी के साथ 24 अगस्त को व्रत पूजन करना सही रहेगा.

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