लखनऊ : कई दिनों के प्रयासों के बाद अब यह संभव हो गया है कि यमुना एक्सप्रेस वे पर फाइटर जेट की लैंडिंग और टेक ऑफ हो सकेगा। इस दिशा में किए गए प्रयोग सफल रहे है। अब आगरा-लखनऊ के बीच एक्सप्रेस वे पर और लखनऊ-बलिया के बीच पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर भी एयरफोर्स को यह सुविधा मिलने जा रही है। इसके लिए पिछले वर्ष ट्रायल लिए गए थे। उतर प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपममेंट के चेयरमैन नवनीत सहगल ने बताया कि फाइटर प्लेन की पार्किंग के लिए एक्सप्रेस वे के किनारे की जगह दी जाएगी।
जहां से फाइटर प्लेन टेक ऑफ और लैंड करेंगे, वहां फेल्डेबल डिवाइडर बनाए जाएंगे। रनवे के लिए निर्धारित किए गए स्थानों पर फोल्डेबल लाइट्स भी लगाए जाएंगे। इन स्थानों पर मोबाइल टावर और बिजली के खंभे नहीं लगाए जाएंगे। 21 मई 2015 में एयरफोर्स ने यमुना एक्सप्रेस वे पर मिराज-2000 फाइटर प्लेन की सफल लैंडिंग कराई थी। साथ ही एक हेलीकॉप्टर का भी ट्रायल लिया गया था। यमुना एक्सप्रेस वे का काम 2017 के उतर प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले हो जाएगा जब कि पूर्वांचल एक्सपेस वे पर 10 महीने के बाद काम शुरु होगा।
बता दें कि पाकिस्तान में दो हाइवे ऐसे है, जिनव पर फाइटर प्लेन लैंड कर सकते है। इन पर 4 रनवे बने है। जिनमें से एक हाइवे पेशावर को इस्लामाबाद से जोड़ता है,तो दूसरा हाइवे लाहौर को इस्लामाबाद को लाहौर से जोड़ता है। पाकिस्तान ने साल 2000 में ही फाइटर प्लेन की लैंडिंग औऱ टेक ऑफ का ट्रायल किया था।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर एक्सप्रेस-वे बलिया तक जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 348 किलोमीटर होगी। इसे 120 मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है। इससे लखनऊ और बलिया के बीच साढ़े 4 घंटे में सफर पूरा हो सकेगा। फिलहालल साढ़े 6 घंटे लगते हैं।