आरक्षण आंदोलन के दो नेताओं को कोर्ट ने नहीं दी राहत
आरक्षण आंदोलन के दो नेताओं को कोर्ट ने नहीं दी राहत
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नई दिल्ली : पटेल आरक्षण आंदोलन के अग्रणी नेता हार्दिक पटेल की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। दरअसल न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। उनके ही साथ पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह की अग्रिम जमानत याचिका रोहतक न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई है। इससे दोनों ही लोगों के समर्थकों को आघात लगा है। सूरत न्यायालय ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेतृत्वकर्ता रहे हार्दिक पटेल की जमानत याचिका को नकार दिया। इससे पाटीदार आरक्षण आंदोलन के कार्यकर्ता हतोत्साहित हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा भड़की थी। इसे उकसाने का आरोप प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह पर लगाया गया था। जिसके बाद उन्हें राजद्रोह के मामले में पकड़ लिया था। वीरेंद्र हुड्डा के नज़दीकी माने जाते हैं। सोश्यल मीडिया पर 90 सेकंड के आॅडियो में यह बात सामने आई थी कि कांग्रेस नेता मानसिंह के साथ वीरेंद्र सिंह किसी मामले में चर्चा कर रहे थे। जाट आंदोलन के तौर पर हिंसा भड़काने की वे बात कर रहे थे। 

वीरेंद्र सिंह और मानसिंह के विरूद्ध धारा 124 ए (राजद्रोह), धारा 120 - बी (साजिश) धारा 153 - ए (वर्गों के बीच वैमनस्यता फैलाना) आदि को लेकर आईपीसी की धाराओं के अंतर्गत रोहतक में एफआईआर दर्ज किए जाने की बात कही गई थी। सूरत न्यायालय ने राजद्रोह के मामले में हार्दिक पटेल की जमानत को भी नकार दिया था। न्यायालय ने 24 पेज का निर्णय भी सुनाया। न्यायालय द्वारा यह भी कहा गया कि हार्दिक को जमानत देने से लाॅ एंड आॅर्डर की स्थिति पर असर भी हो सकता है। 

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