वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी स्थित विवादित ज्ञानवापी परिसर से जुड़े श्रंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे सर्वोच्च न्यायालय के वकील विष्णुशंकर जैन ने कहा कि काशी में ज्ञानवापी का मॉडल तैयार किया जा रहा है। उसे मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में सबूत के रूप में पेश किया जाएगा। इस मॉडल को सन 1669 से पहले के ज्ञानवापी जैसा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह मॉडल एतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर एक महीने में बनकर तैयार हो जाएगा।
एक कार्यक्रम में वकील विष्णुशंकर जैन ने बताया कि श्रीआदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास नाम से ट्रस्ट बनाया गया है, जो ज्ञानवापी से संबंधित तथ्य और साक्ष्य एकत्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वे के बाद हम लोगों की उम्मीद से कहीं अधिक सबूत सामने आएंगे। विष्णुशंकर जैन ने कहा कि ज्ञानवापी मामले में हिन्दू पक्ष जीत की दहलीज पर खड़ा हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 18 जनवरी को ज्ञानवापी मामले में हमारे पक्ष में फैसला आएगा। ट्रस्ट से जुड़े रामप्रसाद सिंह ने कहा कि 200 पन्नों का ज्ञानवापी विशेषांक शीघ्र प्रकाशित किया जाएगा । इससे पहले वकील विष्णुशंकर जैन का उद्यमियों ने सम्मान किया। केंद्र सरकार की तरफ से शासकीय अधिवक्ता नियुक्त किए जाने पर जैन को बधाई भी दी।
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने बताया है कि ज्ञानवापी मुद्दे पर उद्यमियों का पूरा समर्थन है। हिन्दू पक्ष के पैरोकार डॉ. सोहनलाल आर्य ने कहा कि अदालत में शोध के आधार पर दलीलें रखी गई हैं, जिससे हिन्दू पक्ष मजबूत होगा। कार्यक्रम में उद्यमी राजेश भाटिया, अनुपम देवा, जीडी दुबे, नीरज पारिख, प्रशांत अग्रवाल, अवधेश गुप्ता आदि उपस्थित थे।
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